नई दिल्ली: नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने मंगलवार को एयर इंडिया पर कार्रवाई करते हुए 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इस जुर्माने के पीछे का कारण बेहद खास है। दरअसल, ऐसे कुछ केस सामने आए थे जिसमें कहा गया था कि यात्रियों के पास वैलिड टिकट होने के बाद भी एयर इंडिया ने उन्हें ओवरबुकिंग होने के चलते यात्रा करने की इजाजत नहीं दी और न ही उस टिकट के बदले कोई मुआवजा दिया गया। एक बयान में, DGCA ने कहा है कि यह "गंभीर चिंता का विषय और अस्वीकार्य" है कि एयरलाइन "असहाय यात्रियों" को बोर्डिंग से वंचित करने के बाद कोई मुआवजा भी नहीं दे रही थी और इस बारे में कोई नीति भी नहीं थी। DGCA ने हाल ही में यात्रियों के मुआवजे पर मौजूदा नियमों को दोहराया और एयरलाइंस से कहा कि वे नियमों का कड़ाई से पालन करें। DGCA के महानिदेशक अरुण कुमार ने बयान में कहा है कि, 'DGCA द्वारा बेंगलुरु, हैदराबाद और दिल्ली में इस प्रकार के मामलों की छानबीन की गई। इस दौरान यह पता चला कि एयर इंडिया ने नियमनों का अनुपालन नहीं किया। इसके बाद एयरलाइन को DGCA द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किया गया और इस संदर्भ में व्यक्तिगत सुनवाई भी की गई थी।’ DGCA के अनुसार, इस बारे में एयर इंडिया की संभवत: अपनी कोई नीति नहीं है और वह यात्रियों को मुआवजे का भुगतान नहीं करती है। DGCA ने कहा कि आखिरकार यह एक गंभीर चिंता का विषय है और अस्वीकार्य है। वायु प्रदूषण के मामले में पाकिस्तान और नेपाल से भी पिछड़ा भारत, दिल्ली में तेजी से घट रही लोगों की जिंदगी भारत में चाहिए इस्लामी राज ! नूपुर शर्मा का 'सिर' मांग रहीं कश्मीर की मुस्लिम महिलाएं बारात में डांसर के साथ थिरक रहे थे बुजुर्ग, अचानक हुआ कुछ ऐसा कि हो गई मौत