भारत विश्व में सबसे ज्यादा फिल्में बनाने वाला देश है तो ज़ाहिर सी बात है कि यहां फिल्म के दीवानों की तादाद भी सबसे ज्यादा ही होगी. अक्सर हम फिल्म देखते समय अपने आपको फ़िल्मी किरदारों कि जगह में पाते हैं. उनमें दिखाई गई बातें हम अपनी लाइफ में उतारने की कोशिश करते हैं. ऐसी ही कई बातें है जो हम और आप बचपन से फिल्मों में सुनते आ रहे हैं, वो ये है कि प्यार पहली नजर में हो जाता है, मतलब 'लव एट फर्स्ट साइट'. लेकिन हाल ही में एक स्टडी से यह पता चला है कि प्यार पहली नज़र में नहीं बल्कि चौथी नज़र में होता है. हाँ जनाब, आप सही पढ़ रहे हैं. अगर पहली नज़र में आपको किसी को देखकर प्यार वाली फीलिंग आ गयी तो वो प्यार नहीं केवल अट्रैक्शन है. प्यार होने के लिए कम से कम चार मुलाकातें जरुरी है. अब तक हुए कई रिसर्च में ये बात सामने आ चुकी है कि एक ही नजर में प्यार नहीं हो सकता. हो सकता है कि पहली मुलाकात में दो लोग एक-दूसरे के प्रति आकर्षित हो जाएं लेकिन प्यार तब होगा, जब वो कई बार मिलेंगे. इस रिसर्च में ये बात भी सामने आई कि अगर दो लोगों के बीच भरोसा नहीं है, तो प्यार भी नहीं हो सकता, इसलिए पहली नजर में प्यार की बात बिल्कुल गलत है. तीन से चार बार की मुलाकात के बाद दो लोगों में भरोसा बनता है, जिसके बाद उनके बीच प्यार होता है. न्यूयॉर्क के हेमिल्टन कॉलेज के साइंटिस्ट रवि थिरुचसेलवम ने अपनी टीम के साथ मिलकर ये रिसर्च किया है जिसमे उन्होंने कई जवान महिलाओं और पुरुषों को शामिल किया. दोनों को एक-दूसरे की तस्वीरें दिखाई. इसके बाद उन्होंने लोगों के दिमाग को वायर के जरिए मॉनिटर से कनेक्ट किया और उन्हें कई बार एक ही इंसान की फोटो दिखाई. उन्होंने नोटिस किया कि जितनी ज्यादा बार वो किसी की तस्वीर देखते गए, उनके आकर्षण की तीव्रता बढ़ती गई. चौथी बार फोटो देखने के बाद उनकी खुशी दोगुनी नोटिस की गई. ऐसे कर सकते है आप अपने सफेद शूज और चप्पलों को डेकोरेट सफ़ेद रण में चुनावी गरज मोदी जी दीवाने, ऐसे न बनो