गुरूवार आराधना के लिए बहुत ही श्रेष्ठ होता है। दरअसल गुरूवार का दिन देव गुरू बृहस्पति का दिन होता है। इस दिन देव गुरू का पूजन करने से शीघ्र विवाह की कामना करने वाले श्रद्धालुओं का विवाह जल्द होता है। यदि आपको जल्द विवाह या समय पर विवाह की कामना हो या फिर आप मांगलिक हों तो देव गुरू बृहस्पति का पूजन आपके लिए हितकर होता है। ऐसे में गुरूवार का व्रत और पूजन बहुत ही हितकारी होता है। दरअसल मध्यप्रदेश के धार्मिक और पौराणिक नगर उज्जैन में ऐसा ही एक मंदिर है जहां देव गुरू बृहस्पति का पूजन होता है। शिव लिंग स्वरूप में भगवान बृहस्पति पूजे जाते हैं। गुरूवार के दिन देव गुरू के शिवलिंग पर आकर्षक श्रृंगार किया जाता है और उन्हें मुखौटा भी पहनाया जाता है। दूसरी ओर इस दिन श्रद्धालु गुड़ तुअर की दाल, बेसन के लड्डू, पीला कपड़ा और हल्दी की गांठ देव गुरू को अर्पित करते हैं। शिव लिंग का जलाभिषेक भी किया जाता है। लगातार पांच गुरूवार शिवलिंग पर पीली खाद्य सामग्री, गुड़ बेसन के लड्डू, तुअर की दाल हल्दी की गांठ आदि अर्पित किए जाते हैं। पांच गुरूवार व्रत रखकर मंदिर में पूजन किया जाता है। व्रत के दौरान सुबह पूजन अर्चन करने के बाद एकासना किया जा सकता है। व्रत के दौरान एक समय भोजन करने की पात्रता होती है। देव गुरू का पूजन बहुत ही पुण्यदायी होता है और श्रद्धालु की सारी मनोकामनाऐं पूरी होती हैं। जीवन में गाय का महत्व शुरू से ही है हर मनुष्य का एक ही शत्रु होता है और वो ये है.. सुख की माया के जाल से कोई नहीं बच सका लगन और साहस बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान है