आपने अक्सर इस्लाम धर्म में देखा होगा की सभी शुभ कार्यों में 786 का उपयोग किया जाता है इस्लाम धर्म में इस अंक को बहुत ही पवित्र माना गया है इसी कारण से हर शुभ कार्य में इसका उपयोग किया जाता है लेकिन क्या आप जानते है की हिन्दू धर्म में भी इस अंक का बहुत महत्व है आइये जानते है. हिन्दू धर्म में 786 को भगवान कृष्ण से संबंधित माना गया है जिस प्रकार भगवान कृष्ण की बांसुरी में 7 छिद्र होते है जिससे वह सात सुरों को निकालते है इन सात सुरों को निकालने के लिए उन्हें अपने दोनों हांथो की 3-3 उंगलियों की सहायता लेनी पड़ती थी तथा भगवान कृष्ण का जन्म देवकी के आठवें पुत्र के रूप में हुआ था जिसका योग 6 होता है. यदि आप इन सभी अंकों को आपस में मिला देते है तो 786 की रचना हो जाती है. 786 का एक महत्व और है जिसके कारण हिन्दू धर्म में इसे महत्वपूर्ण माना गया है शोधकर्ता राफेल पताई के अनुसार 786 के हिंदी स्वारूप को यदि ध्यान से देखा जाता है तो इसकी आकृति संस्कृत में लिखे गया ॐ के आकार की होती है जिसके कारण इसे हिन्दू धर्म में भी महत्वपूर्ण माना गया है. संस्कृत की इस आकृति को देखकर आप भी समझ गए होंगें की 786 का महत्व इस्लाम धर्म के साथ-साथ हिन्दू धर्म में भी है बहुत से लोग इस अंक की प्रत्येक वस्तु को बहुत ही शुभ मानते है जिसके कारण वह इन्हें हमेशा अपने पास संभालकर रखते है. भगवान शिव को लगाये इन पांच चीजों का भोग, मनोकामनायें होगी पूरी यही वो उपाय है जो धन की समस्या को करता है जड़ से ख़त्म गाय के गोबर की महत्वता से बहुत कम ही लोग परिचित है मानव जीवन की हर समस्या का निदान है पीपल का पेड़