ग्वालियर: लोगों में भले ही यह अफवाह फैल गई है कि दस रूपये का सिक्का चलन से बंद हो गया हो, लेकिन बैंक अधिकारियों का कहना है कि दस का सिक्का बिल्कुल भी बंद नहीं हुआ है। बैंक न केवल दस के सिक्के को स्वीकार कर रही है वहीं ग्राहकों को भी दस के सिक्के आवश्यकता पड़ने पर दिये जा रहे है। दस रूपये के सिक्के बंद होने की अफवाह के चलते दुकानदारों और ग्राहकों के बीच विवाद भी हो रहे है, क्योंकि दुकानदार ग्राहकों से ये सिक्के लेने से इनकार कर रहे है। नकली सिक्के आ गये- बैंक अधिकारियों का कहना है कि बाजार में नकली सिक्के आने से लोगों में सिक्के के चलन को लेकर असमंजस की स्थिति बन गई है। अधिकारियों ने बताया कि नकली सिक्के बैंक ने नहीं लिये है और यही कारण रहा है कि लोगों ने मान लिया कि दस रूपये का सिक्का बंद हो गया। बैंक अधिकारियों ने लोगों से यह जरूर कहा है कि वे नकली सिक्के लेने से बचे। ग्राहक नहीं लेते सिक्के इधर कुछ दुकानदारों ने बताया कि सिक्के बंद होने की अफवाह के चलते ग्राहक दस रूपये का सिक्का नहीं लेते है। इस कारण उनके पास सिक्के बड़ी मात्रा में एकत्र हो गये है। हालांकि दुकानदारों ने बैंकों में जाकर सिक्कों को नोटों में जरूर बदलना शुरू कर दिया है। बैंक अधिकारियों के अनुसार असली सिक्के में रूपये का साइन है जबकि नकली में साइन नहीं दिखाई देता और इसके बदले दस का अंक लिखा हुआ रहता है। इसके अलावा असली सिक्के की पहचान दस पट्टी से की जा सकती है, लेकिन नकली सिक्का है तो उसमें पंद्रह पट्टी बनी हुई दिखाई देगी। बैंकों से पैसा हड़प रहे है पूंजीपति