'मुझे पहले से ही इसकी आशंका थी, शिवसेना खत्म...': शरद पवार

मुंबई: चुनाव आयोग ने शिवसेना के नाम और सिंबल के इस्तेमाल पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। इसका मतलब है कि उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट में कोई भी फिलहाल इस चिन्ह का उपयोग नहीं कर सकेगा। जी दरअसल ECI ने अंधेरी उपचुनाव में दोनों पक्ष को फ्री सिंबल्स में से अपनी-अपनी प्राथमिकता बताने के लिए कहा है। जी दरसल आयोग ने दोनों गुटों को इतनी छूट दी हुई है कि वे चाहें तो अपने नए नाम के साथ सेना शब्द का इस्तेमाल कर सकते हैं। हालाँकि अब चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और एनसीपी प्रमुख शरद पवार का बयान भी सामने आया है।

जी दरअसल उन्होंने कहा, 'मुझे इस फैसले से बिल्कुल भी आश्चर्य नहीं है। यह साबित करने के लिए मेरे पास सबूत तो नहीं हैं कि यह जानबूझकर किया जा रहा है, लेकिन मुझे पहले से ही इसकी आशंका थी।' इसी के साथ आगे बात करते हुए पवार ने कहा, 'हम नहीं जाते कि इन दिनों फैसले कौन ले रहा है? कोई पार्टी कितनी भी मजबूत क्यों न हो, हम यह अनुमान नहीं लगा सकते कि (शिवसेना) अपने ही चुनाव चिन्ह के साथ लड़ पाएगी। इसलिए हमें किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए हर हाल में तैयार रहना होगा। शिवसेना को नए सिंबल के साथ चुनाव में उतरना होगा। इसके अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं है।'

इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि, 'मैं भी पहले अलग-अलग सिंबल के साथ चुनाव लड़ चुका हूं। जैसे बैलों की जोड़ी, बछड़े का निशान, चर्खा, पंजा और घड़ी। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता की आप किस सिंबल से चुनाव लड़ते हैं। यह लोगों पर तय करता है कि वे किसे सपोर्ट करते हैं। शिवसेना खत्म नहीं होगी।बल्कि, इससे पार्टी के युवा कार्यकर्ताओं में आक्रामकता और जोश का संचार होगा। सिंबल फ्रिज करने का अंधेरी उपचुनाव पर कोई असर नहीं पड़ने वाला, क्योंकि एनसीपी और कांग्रेस ने उद्धव ठाकरे की शिवसेना के उम्मीदवार को समर्थन दे दिया है।'

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