उज्जैन। शहर के लोगों को यह बात नहीं पच रही है कि आखिरी महाकाल मंदिर प्रशासन ने भस्मारती को सशुल्क क्यों कर दिया है। शहर के लोगों ने तो भस्मारती शुल्क का विरोध करना शुरू कर ही दिया है तो वहीं कांग्रेस भी मैदान में कूद पड़ी है। कांग्रेस नेताओं का यह आरोप है कि राज्य की बीजेपी सरकार श्रद्धालुआंे की भावना के साथ खिलवाड़ करने से बाज नहीं बाज नहीं आ रही है। गौरतलब है कि बीते दिनों मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में भस्मारती पर शुल्क लगाने का फैसला लिया था और इसके चलते आॅनलाइन बुकिंग पर जहां सौ रूपए का शुल्क वसूला जाएगा तो वहीं आॅफलाइन बुकिंग के लिए श्रद्धालुओं को दस रूपए अदा करना होंगे। हालांकि आॅनलाइन बुकिंग के लिए शुल्क लेने की शुरूआत अब 28 अप्रैल से ही होगी, लेकिन आॅफलाइन बुकिंग के लिए 1 अप्रैल से ही शुल्क लेने का सिलसिला प्रारंभ हो गया है। स्थानीय लोगों के अलावा बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को यह समझ में नहीं आ रहा है कि क्या बाबा महाकाल की भस्मारती के लिए भी शुल्क लिया जा सकता है। जबकि आरती या दर्शन तो बिल्कुल ही निःशुल्क होना चाहिए। इधर कांग्रेस ने इस फैसले के खिलाफ मोर्चा संभाल लिया है तो वहीं श्रद्धालुओं द्वारा विरोध किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि मंदिर प्रशासन ने यह शुल्क बजट घाटे को पूरा करने के लिए लगाने का निर्णय लिया है, इसके अलावा अन्य प्रवेश शुल्क में भी बढ़ोतरी कर दी है। जब से इस निर्णय की जानकारी लगी है, तभी से विरोध होना शुरू हो गया है, बावजूद इसके कलेक्टर एवं मंदिर प्रबंध समिति के पदेन अध्यक्ष संकेत भोंडवे ने 1 अप्रैल से शुल्क लेने के आदेश दे दिए थे और इस पर अमल भी शुरू हो गया है। भस्मारती शुल्क संबंधी निर्णय के खिलाफ युवक कांग्रेस ने जहां हस्ताक्षर अभियान चलाया तो वहीं सोमवार को भी कलेक्टर कार्यालय का घेराव भी किया जाएगा। लोकसभा क्षेत्र यूथ कांग्रेस उपाध्यक्ष चंद्रभानसिंह चंदेल ने बताया कि घेराव में युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कुणाल चैधरी भी मौजूद रहेंगे। रविवार को चंदेल के नेतृत्व में मशाल रैली भी निकाली गई। विरोध के बीच सशुल्क हुई महाकाल की भस्म आरती