26 जनवरी को होने वाली ट्रैक्टर परेड में अपनी गाड़ी न भेजने पर होगा उनका सामाजिक बहिष्कार

चंडीगढ़: सर्वोच्च न्यायालय द्वारा तीनों नए कृषि कानूनों को निर्धारित करने पर प्रतिबन्ध लगाने के बाद भी घंटे भर के भीतर बड़ी संख्या में पंजाब के कृषक नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड में भाग लेने के लिए रवाना हुए। किसान मजदूर संघर्ष समिति के बैनर तले मंगलवार को ट्रैक्टर-ट्रॉली का एक बड़ा काफिला अमृतसर से दिल्ली के लिए निकला है। अन्नदाताओं तथा किसान संगठनों ने 20 जनवरी तक बड़े आंकड़े में ट्रैक्टर परेड में सम्मिलित होने के लिए प्रतिभागियों को भेजने का निर्णय किया है।

वही कृषकों के कुछ समुदाय ने निर्णय किया है कि जो अपने वाहन दिल्ली भेजने में समर्थ नहीं हैं वो जुर्माना भरेंगे नहीं तो उनका सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा। मंगलवार को पुरे प्रदेश के गुरुद्वारों से लाउडस्पीकर से दिल्ली में किसान आंदोलन का सपोर्ट करने की घोषणा की गई। गुरुद्वारे से कहा गया, "यदि अभी हम चूक गए तो फिर हमें कभी भी यह अवसर प्राप्त नहीं होगा। यह हमारे हक़ की लड़ाई है।"

मंगलवार को सर्वोच्च न्यायालय ने किसान आंदोलन से संबंधित कई मामलों की एकसाथ सुनवाई करते हुए सितंबर 2020 में संसद द्वारा पारित किए गए तीनों नए कृषि कानूनों को निर्धारित करने पर प्रतिबंध लगा दिया। इसके साथ-साथ अदालत ने चार सदस्यों वाली एक उच्च स्तरीय समिति का भी गठन किया, जो अन्नदाताओं की दिक्कतों को सुनकर, सरकार का पक्ष जानकर तथा किसान कानूनों की समीक्षा कर अदालत को अपनी सिफारिशें देगा।

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