'नाम बदलने से कुछ नहीं मिलेगा, अरुणाचल हमारा था, हमारा ही रहेगा..', चीन को भारत सरकार की दो टूक

नई दिल्ली: पाकिस्तान का परम मित्र चीन आए दिन भारत के खिलाफ कोई ना कोई नई पैंतरेबाजी करता रहता है. अब उसने अरुणाचल प्रदेश के 11 स्थानों के नाम बदल दिए हैं. चीन की इस गुस्ताखी पर भारत सरकार ने उसे दो टूक जवाब दिया है. विदेश मंत्रालय ने कहा है कि यह पहली दफा नहीं है, जब चीन ने इस तरह का कुत्सित प्रयास किया हो. चीन पहले भी ऐसा कर चुका है. हम चीन के इस कदम को सिरे से खारिज करते हैं.

विदेश मंत्रालय ने आगे कहा कि अरुणाचल प्रदेश शुरू से ही भारत का अभिन्न हिस्सा है. चीन भले ही अरुणाचल के स्थानों का नाम बदल ले, मगर इससे वास्तविकता नहीं बदली जा सकती. भारत सरकार ने कहा कि, चीन ने इससे पहले अप्रैल 2017 और दिसंबर 2021 में भी अरुणाचल की कई जगहों के नाम बदल दिए थे, मगर हर बार उसे मुंह की खानी पड़ी. बता दें कि चीन, भारत के बंटवारे के बाद से ही अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा करता रहा है. कल सोमवार (3 अप्रैल) को चीन के मंत्रालय ने अरुणाचल की 11 जगहों के नाम बदलकर एक चीनी, तिब्बती और पिनयिन भाषा में एक सूची जारी की थी. चीन ने दो मैदानी इलाकों, दो रिहायशी इलाकों, पांच पहाड़ी इलाकों सहित दो नदियों के नाम बदले थे. हालाँकि, इनका असर सिर्फ चीन तक ही सीमित है, भारत में तो भारत सरकार द्वारा घोषित नाम ही प्रचलन में रहेंगे।  

चीन के सरकारी अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि अरुणाचल के स्थानों के नाम बदलना चीन का एक वैध कदम है. बता दें कि, ग्लोबल टाइम्स चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र पीपुल्स डेली समूह के प्रकाशनों का ही एक हिस्सा है. वहीं, भारत हमेशा से कहता आया है कि अरुणाचल हमारा अभिन्न हिस्सा है और हमेशा रहेगा. चीन चाहे कितनी बार तथ्य बदलने का प्रयास कर ले, मगर तथ्य नहीं बदल सकते.

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