बिहार में अस्पतालों, होटल-रेस्टोरेंट और मिलों पर जैविक कचरे के पूरी तरह से प्रबंधन न करने पर राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सख्ती बरतना शुरू कर दी है. जैविक कचरे में जीव-चिकित्सा अपशिष्ट से जुड़े हुए पदार्थ होते हैं. राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इस संबंध में कार्रवाई करते हुए पटना के 14 बड़े अस्पतालों को बंद करने के लिए नोटिस भी जारी किया है. इसके साथ ही पटना के लगभग सात और भागलपुर के एक हॉस्पिटल को जैविक कचरा प्रबंधन में सुधार के लिए भी नोटिस जारी किये हैं. अस्पतालों के साथ-साथ बोर्ड ने मिलों पर भी सख्ती करना शुरू किया है. इसके तहत बायो फ्यूल इकाई एचपीसीएल लिमिटेड सुगौली को भी बंद करने का नोटिस दिया गया है. वहीं चार मिलों को क्लोजर प्रस्ताव और सात चावल मिलों को बंद करने का नोटिस दिए गए हैं. इन मिलों को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की सहमति के बिना संचालित करने के लिए नोटिस दिए गए हैं. अस्पतालों और मिलों के साथ 175 ईंट-भट्ठे को भी बंद करने का निर्देश दिया गया है. इन ईंट-भट्ठे को राज्य में वायु प्रदूषण फैलाने के लिए नोटिस दिए गए हैं. मुजफ्फरपुर के 23 , पटना जिले के 71, पश्चिम चंपारण के १६, मधुबनी के 39, पूर्वी चंपारण के 21, सारण के 3, वैशाली औरसिवान जिले के एक-एक ईंट-भट्ठे को बंद करने का नोटिस दिया गया है. बड़ी खबर: बोधगया मामले में NIA कोर्ट का बड़ा फैसला माओवादियों ने लाखों के वाहन किये आग के हवाले सुशील मोदी ने आरजेडी के दबंगों पर आरोप लगाया