नई दिल्ली : पशु-पक्षियों, दुपहिया वाहन चालकों और पर्यावरण के नुकसान के मद्देनजर आखिर दिल्ली सरकार ने दिल्ली सरकार ने चीनी मांझे पर प्रतिबंध की अधिसूचना जारी कर दी है. उपराज्यपाल की मंजूरी से मंगलवार को जारी अधिसूचना के अनुसार दिल्ली में पतंग उड़ाने के लिए चीनी मांझे या धारदार धागों की बिक्री और उपयोग पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा. पतंग उड़ाने के शौकीन लोग अब केवल उन सूती धागों और प्राकृतिक रेशों का ही इस्तेमाल कर सकेंगे जो धारदार न हो. इसका उल्लंघन करने पर पांच साल तक की कैद या एक लाख रुपए तक का जुर्माना या दोनों हो सकता है. जारी की गई अधिसूचना में बताया गया है कि दिल्ली सरकार ने चीनी मांझे पर प्रतिबंध की अधिसूचना जारी कर दी है. उपराज्यपाल की मंजूरी से मंगलवार को जारी अधिसूचना के अनुसार दिल्ली में पतंग उड़ाने के लिए चीनी मांझे या धारदार धागों की बिक्री और उपयोग पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा. पतंग के शौकीन लोग अब केवल उन सूती धागों और प्राकृतिक रेशों का ही इस्तेमाल कर सकेंगे जो धारदार न हो. प्रायः देखा गया है कि चीनी मांझे से पतंग उड़ाने के दौरान पक्षी तो घायल हो ही रहे हैं , लेकिन अब दो पहिया वाहन चालकों के साथ भी इस चीनी मांझे से हादसे हो रहे हैं.कई लोगों के गले इस चीनी धागे से कटने की जानकारी मिली है.प्लास्टिक या अन्य सिंथेटिक सामग्री से बना पक्का धागा, जिसे चीनी धागे के नाम से जाना जाता है, के प्रयोग के कारण होता है.ये चोटें कई बार लोगों और पक्षियों के लिए प्राणघातक सिद्ध होती है . इस बारे में जुल्फिकार नामक युवक द्वारा दायर की गई याचिका कहा था कि चीनी और धारदार मांझों का शिकार पहले केवल पक्षी ही होते थे, लेकिन अब इंसानों को भी इससे खतरा है. इस पर दिल्ली हाई कोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से 15 अगस्त से पहले अधिसूचना जारी करने में असमर्थता जताए जाने की स्थिति में चीनी मांझे से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए सुझाव मांगे थे और एडवाइजरी जारी करने का निर्देश दिया था. आमतौर पर राजधानी दिल्ली सहित कई अन्य राज्यों में मकर संक्रांति, 26 जनवरी, 15 अगस्त और रक्षाबंधन के आसपास जमकर पतंगबाजी की जाती है, जिनमे पहले सूती धागे का उपयोग होता था, लेकिन अब चीनी मांझे का उपयोग बढ़ने से खतरा बढ़ गया है. बताया जा रहा है कि इसीके कारण दिल्ली के उपराज्यपाल ने राजधानी में 9 अगस्त को ही चीनी मांझे पर रोक लगाने की फाइल को अपनी मंजूरी दे दी थी. दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार चाहती, तो उस पर अगले ही दिन 10 अगस्त को रोक की अधिसूचना जारी कर सकती थी. लेकिन चीनी मांझे से जुड़ी फाइल दिल्ली सरकार के पास ही लंबित पड़ी रही. बता दे कि दिल्ली में चीनी मांझे का सबसे बड़ा कारोबार दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन के विधानसभा क्षेत्र लाल कुआं क्षेत्र में होता है. 15 अगस्त को इस मांझे की खरीद-फरोख्त के अंदाजे से ही व्यापारियों ने चीनी मांझे की लाखों रुपए की खरीददारी कर ली थी. यदि दिल्ली सरकार पहले ये अधिसूचना जारी कर देती, तो पुरानी दिल्ली के उन व्यापारियों को लाखों रुपए का नुकसान हो सकता था, जिन्होंने इसकी थोक में खरीददारी की थी. शायद इसीलिए अधिसूचना जारी करने में देरी की गई . चीन ने खाई पलटी, न लेगा भारत का पक्ष और न पाक का