अब कांग्रेस आलाकमान यानि सोनिया गांधी किसी भी महत्वपूर्ण मुद्दे या फैसले पर अकेले अंतिम मुहर नहीं लगाएंगी. कांग्रेस को गांधी परिवार की पार्टी की छवि से बाहर लाने और नेतृत्व पर दबाव में एकतरफा फैसलों के आरोप से बचने के लिए सोनिया गांधी ने 17 नेताओं का थिंक टैंक यानि स्पेशल ग्रुप बनाया है. पार्टी को बुरे दौरे से बाहर निकालने और बदले राजनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण मुद्दों, फैसलों पर वरिष्ठ नेताओं के दिमाग और सलाह पर पार्टी आगे बढ़ेगी. इस ग्रुप की पहली बैठक 25 अक्टूबर सुबह बुलाई गई है. जिसमें अर्थव्यवस्था और एनआरसी जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई है. चुनाव परिणाम Live: महाराष्ट्र में 107 तो हरियाणा में 47 सीटों पर आगे चल रही भाजपा, कांग्रेस पिछड़ी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार स्पेशल ग्रुप में आमतौर पर वही पुराने चेहरे हैं जो लगभग अन्य महत्वपूर्ण कमेटियों में शामिल हैं लेकिन सबसे चौंकाने वाला नाम महासचिव अंबिका सोनी का है जिन्होंने जम्मू-कश्मीर के अलावा भागदौड़ न कर पाने के चलते हिमाचल, उत्तराखंड जैसे राज्यों का प्रभार छोड़ा था. अंबिका सोनी सोनिया गांधी की राजनीतिक सचिव रहीं हैं और दस जनपथ की करीबी हैं. इन दिनों अंबिका सोनी की फिर से सक्रियता बढ़ी है. अंबिका सोनी सोनिया के साथ डीके शिवकुमार से मिलने तिहाड़ जेल भी पहुंची थी. नीतीश ने दिल्ली और बिहार को लेकर सरकार के सामने रखी अपनी मांग आपकी जानकारी के लिए बता दे कि ग्रुप में सोनिया गांधी के साथ मनमोहन सिंह, राहुल गांधी, अहमद पटेल, केसी. वेणुगोपाल, मल्लिकार्जुन खरगे, गुलाम नबी आजाद, एके. एंटनी, कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा, जयराम रमेश के अलावा युवा नेताओं में ज्योतिरादित्य सिंधिया, रणदीप सुरजेवाला, सुष्मिता देव, राजीव सातव को जगह मिली है. इस महत्वपूर्ण समूह में महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को शामिल नहीं किया गया है. पार्टी का ये ग्रुप समय-समय पर बैठक कर पार्टी का स्टैंड और फैसलों पर चर्चा करने वाला है. धर्मशाला और पच्छाद विधानसभा उपचुनाव की मतगणना शुरू, जाने जानिए चौटाला परिवार की प्रथम महिला विधायक के बारें में केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने लुप्तप्राय श्रेणी के इस प्राणी को बचाने के लिए चलाने वाले अभियान