लखनऊ: भारत में विदेशी विश्वविद्यालयों के लिए परिसर स्थापित करने की दिशा में अहम कदम उठाते हुए केंद्र सरकार ने भारत में उन्हें कैंपस खोलने की मंजूरी दी है। वहीं यूजीसी (UGC) ने इसका मसौदा नियमन जारी किया है। जिसमें उन्हें भारत में परिसर स्थापित करने के लिए यूजीसी से अनुमति लेनी होगी, वहीं दाखिला प्रक्रिया तथा फीस निर्धारित करने की छूट होगी। अब इस मामले में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की प्रतिक्रिया आई है। विदेशी विश्वविद्यालयों को भारत में कैंपस खोलने देने के सरकार के निर्णय पर अखिलेश यादव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खूब प्रशंसा की है। उन्होंने कहा, "देश में विदेशी विश्वविद्यालयों के कैंपस खोलने का विचार तभी स्वागत योग्य है जब उससे पहले, वर्षों से जो भारतीय शैक्षिक संस्थान विश्वस्तर पर मशहूर हैं उनकी दशा सुधारी जाए व फीस कम की जाए। सराहनीय तो ये होगा कि भारत के प्रतिष्ठित संस्थानों के कैंपस विदेशों में खोलने की कोशिश हो।" वही दूसरी तरफ इस सिलसिले में जानकारी देते हुए यूजीसी के चेयरमैन एम जगदीश कुमार ने कहा कि विदेशी विश्वविद्यालय सिर्फ परिसर में प्रत्यक्ष कक्षाओं के लिए पूर्णकालिक कार्यक्रम पेश कर सकते हैं, ऑनलाइन माध्यम या दूरस्थ शिक्षा माध्यम से नहीं। विदेशी विश्वविद्यालयों को भारत में परिसर स्थापित करने के लिए यूजीसी से अनुमति लेनी होगी। शुरू में इन्हें 10 वर्षों के लिए अनुमति दी जायेगी। उन्हें दाखिला प्रक्रिया एवं फीस निर्धारित करने की छूट होगी। उन्होंने बताया कि कुछ शर्तों को पूरा करने पर इनका नवीनीकरण नौवें साल में किया जायेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ये संस्थान ऐसे समारोह की पेशकश नहीं करेंगे जो भारत के राष्ट्रीय हितों के प्रतकूल हों या उच्च शिक्षा के मानकों के अनुरूप नहीं हों। यूरोप के कुछ देशों के विश्वविद्यालयों ने भारत में परिसर स्थापित करने में रूचि दिखायी है। विदेशी विश्वविद्यालय भारत सरकार से वित्तपोषित संस्थान नहीं हैं, ऐसे में उनकी दाखिला प्रक्रिया, शुल्क ढांचे के निर्धारण में यूजीसी का किरदार नहीं होगा। कड़कड़ाती ठंड में बच्चे को अर्धनग्न घुमाया, ऊपर से जनेऊ उलटा पहनाया.. राहुल गांधी पर भड़के नेटिजेंस 'BJP नहीं बना रही है राम मंदिर...', CM बघेल का बड़ा बयान जोशीमठ पर मंडराया ख़तरा! पीड़ितों के लिए सरकार ने उठाया ये बड़ा कदम