आज के समय में बीमारी हो या कोई आपदा दोनों ही मानव जीवन पर संकट बन ही जाती है. जिसमे से एक है कोरोना वायरस यह एक ऐसी बीमारी है, जिसका अभी तक कोई तोड़ नहीं मिल पाया है. वहीं इस वायरस की चपेट में आने से 2,28,000 से अधिक मौते हो चुकी है, जबकि लाखों लोग इस वायरस से संक्रमित हुए है. ऐसे में वैज्ञानिकों के लिए यह कहना जरा मुश्किल सा है कि इस बीमारी से कब तक निजात मिल पाएगा. वहीं जानवर भी इस संक्रमण से अछूते नहीं रह पाए हैं,लेकिन अब यही जानवर जल्द ही कोविड-19 वायरस को सूंघने के लिए प्रयोग में लाए जा सकते हैं. जी हां विशेषज्ञों का मानना है कि क्लिनिकल परीक्षण (Clinical trial) के तहत कोविड-19 का पहले से पता लगाया जा सकता है. इसके लिए अमेरिका और ब्रिटेन के कुत्तों को ट्रेनिंग दी जा रही ताकी वह सूंघकर वायरस का पता लगा सकें. न्यूज एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, आठ लैब्राडोर को पेनिसिल्विया यूनिवर्सिटी के एक अनुसंधान परियाजोना के तहत ट्रेनिंग दी जा रही है. वहीं ऐसी ही प्रयास लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसन में भी किया जा रहा है. इस दौरान शोधकर्ताओं ने पहले ही दावा किया था कि कुत्ते सभी मनुष्यों में मलेरिया संक्रमण की पहचान कर सकते हैं. अगर ब्रिटेन और अमेरिका में किया जा यह प्रशिक्षण सफल होता है तो कुत्तों को कैनाइन सर्विलांस वाहिनी के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके साथ ही इन कुत्तों को हवाई अड्डों अस्पतालों और व्यवसायों में लोगों की स्क्रीनिंग के लिए भी इस्तेमाल में लाया जा सकता है. वहीं पेनिसिल्विया के स्कूल ऑफ वेटरनरी मेडिसिन में वर्किंग डॉग सेंटर की निदेशक सिंथिया एम ओट्टो ने कहा कि शोधकर्ताओं को अभास हुआ है कि वायरस में गंध होती है. इसलिए कुत्तों के उपयोग से इसका पता लगाया जा सकता है. ओट्टो ने बताया इसके लिए कुत्तों को ट्रेनिंग दी जा रही है, लेकिन यह समस्या का समाधान नहीं है क्योंकि हम कितने भी कुत्तों को ट्रेनिंग दें, लेकिन यह संख्या कम ही होगी. इसलिए यह परीक्षण सफल होता है तो हम कुत्तों की नाक जैसे जैसे इलेक्ट्रोनिक नोज बना सकते हैं, जो सेंसर के आधार पर काम करेगी. ऐसे आसानी से हजारों लोगों की स्क्रीनिं की जा सकती है. किम जोंग 'जिंदा' है या नहीं ? उत्तर कोरिया के डिटेक्टर ने खोला राज़ सिक्किम : इस शख्स ने कोरोना संकट में बनाई ऑटोमेटिक व्हीकल सैनिटाइजिंग मशीन क्या 'बहन' को मिलेगा किम जोंग उन का सिंहासन ? जानिए क्या कहते हैं जानकार