नई दिल्ली. मुस्लिम महिलाओं के अकेले हज पर जाने के निर्णय के बाद सरकार ने दिव्यांगों के हज पर जाने पर लगी रोक को भी हटा लिया है. बहुत समय से दिव्यांगों द्वारा इस पाबंदी को हटाने के लिए प्रदर्शन हो रहे थे. अंततः अल्पसंख्यक मंत्रालय ने दिव्यांगों के हक में फैसला दे दिया है. केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बताया कि, “हज के लिए दिव्यांगों पर यह पाबंदी लगभग 60 वर्ष से है. मुमकिन है कि सऊदी अरब में इसको लेकर कुछ पाबंदी हो, लेकिन इस वर्ष से हम दिव्यांगों को भी हज के लिए आवेदन करने की इजाज़त देंगे. इस बाबत मंत्रालय ने हज कमेटी ऑफ इंडिया को निर्देश दे दिए हैं कि वह दिव्यांगों के सब्सिडी के तहत हज के लिए आवेदन को स्वीकार किया जाए और इसके लिए उचित प्रबंध किए जाए.” दरअसल इससे पहले नियम यह था कि जिन लोगों के एक पैर में दिक्कत है, या जो शारीरिक या मानसिक तौर पर स्वस्थ्य नहीं है, वह हज के लिए आवेदन नहीं कर सकते हैं. अक्टूबर 2017 में बनी रिव्यू कमेटी की रिपोर्ट में 2018-2022 के लिए जो गाइडलाइन सामने आई थी उसमें भी दिव्यांगों के हज पर जाने पर रोक का नियम था. इसके खिलाफ दिव्यांगों के संगठन ने विरोध किया. जिसके बाद दिव्यांगों के अधिकार के लिए काम करने वाले संगठन के एक्टिविस्ट मुरलीधरन ने राज्यसभा सांसद टीके रंगराजन के साथ मिलकर मुख्तार अब्बास नकवी से मुलाकात की थी. मदरसों में पीएम मोदी की तस्वीर लगाने से किया मना पीएम मोदी का 2022 न्यू इंडिया की ओर बड़ा कदम जिग्नेश ने कहा दलित हिंसा पर मोदी बोलें