गुजरात और हिमाचल प्रदेश में चुनाव सम्पन्न होने के बाद दोनों राज्यों नए मुख्यमंत्री बनाने को लेकर जो माथा पच्ची चल रही थी. वे अब खत्म होने को है जहां गुजरात का मुख्यमंत्री तय हो गया है वहीँ हिमाचल में बैठके बेनतीजा रही है. वहां गए प्रवेशक भी बेरंग लौट आए है. जिसके के बाद अब सभी की नजरें हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पर आकर टिक गई हैं. हिमाचल में प्रेम कुमार धूमल और जयराम ठाकुर के समर्थकों में टकराव की स्थिति है. पार्टी ने सामने यह बड़ी समस्या है. पार्टी जीते हुए विधायक को ही सीएम बनाना चाहती है, लेकिन राज्य में धूमल समर्थक इसके खिलाफ हैं. माना जा रहा है कि अब हिमाचल के सीएम का नाम दिल्ली में तय होगा. आपको बता दें कि नए मुख्यमंत्री को लेकर दोनों राज्यों में जहाँ बैठके हुई थी जिनमें से गुजरात में निर्णय हो गया है रूपाणी के नाम की घोषणा भी कर दी गई है वहीँ हिमाचल की बैठके बेअसर रही है सीएम का चुनाव करने के लिए शिमला आए पर्यवेक्षक निर्मला सीतारमण और नरेंद्र सिंह तोमर भी वहां स्थिति को देखते हुए. कल दोपहर में दिल्ली बैरंग लौट आए है. विरोध की स्थिति के चलते अभी तक सीएम की स्थिति साफ नहीं है. इसी लिए हिमाचल प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इस पर अभी भी सस्पेंस बरकरार है. राजनितिक गलियारों से आ रही खबरों के अनुसार पर्यवेक्षकों ने पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल, सिराज के विधायक जयराम ठाकुर, शिमला शहरी क्षेत्र के विधायक सुरेश भारद्वाज, पार्टी अध्यक्ष सतपाल सत्ती और नाहन के विधायक डॉक्टर राजीव बिंदल से अकेले में बातचीत की थी पर उसका भी कोई नतीजा नहीं निकला है जिसके वे लोग दिल्ली के लिए लौट आ है और अब जो भी निर्णय होगा. वो पार्टी मुख्यालय से तय किया जाएगा. भारत में मौजूद एक ऐसा मंदिर जो देता है देश भक्ति की मिशाल दिसंबर 2018 तक पटरी पर दौड़ेगी स्वदेशी ट्रेन हिमाचल की कमान किसके हाथ में ? प्रकाश जावड़ेकर पार्लियामेंट में लेकर आये अनोखा हैंडसेट