नई दिल्ली. केंद्र सरकार के स्मार्ट सिटी मिशन प्रोजेक्ट के अंतर्गत जल्द ही घरों का यूनीक कोड होगा. यह उस घर की डिजिटल पहचान होगी, जिसमें पते का पूरा विवरण समाहित होगा. घरों का डिजिटल नंबर की यह व्यवस्था बिल्कुल वैसी ही है जैसे आधार कार्ड बनने के बाद देश मे सभी लोगों के पास एक यूआइडी नंबर है. इससे अब चिट्ठी में पते की जगह बस एक कोड दर्ज करना होगा, चिट्ठी पते पर पहुंच जाएगी. गूगल मैप पर यदि लोकेशन ढूंढना है, तो पूरा पता लिखने की जरूरत नहीं होगी, सिर्फ यूनीक कोड डालने से लोकेशन सामने आ जाएगी. योजना की शुरुआत दिल्ली, नोएडा और बोकारो से की जानी है. बोकारो, झारखंड में सहायक डाक अधीक्षक विश्वजीत राय ने बताया कि दिल्ली और नोएडा के अलावा बोकारो में यह काम किया जाना है. वहीं, मैप माइ इंडिया के प्रबंध निदेशक राकेश वर्मा ने कहा कि आज डिजिटल युग में हर पते को एक डिजिटल पहचान की जरूरत है. इस प्रोसेस में कोड बनाने के लिए आपके घर या ऑफिस के पते की जियो टैगिंग की जाएगी. यानी रिमोट सेंसिंग के जरिये उसकी जियोग्राफिक लोकेशन को दर्ज किया जाएगा. इससे यह लोकेशन डिजिटल मैप से कनेक्ट की जा सकेगी. आपसे मोबाइल नंबर व परिवार के एक या दो सदस्यों का आधार नंबर भी लिया जाएगा. सड़क दुर्घटना: कार की स्टेयरिंग में फंस कर मौत ईवीएम में गड़बड़ी- हर वोट भाजपा को आज जारी होगी भारत की सोवरिन रेटिंग