नई दिल्ली: राजनीतिक लड़ाई में भ्रष्ट अधिकारियों की बल्ले-बल्ले हो सकती है। जानकारी के अनुसार बता दें कि उनके खिलाफ केस दर्ज करना और फिर उन्हें सजा दिलाना एजेंसियों के लिए अब मुश्किल साबित होने वाली है। वहीं सीबीआई की मांग को अनसुनी करते हुए आंध्र प्रदेश पुलिस की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने जीएसटी के एक अधिकारी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन हकीकत यही है कि केंद्र सरकार की अनुमति के बिना उसके खिलाफ मुकदमा नहीं चल सकता है। उत्तरप्रदेश: सजावट 65 लाख की, बिल लगाए 2.48 करोड़ के यहां बता दें कि नवंबर के पहले हफ्ते में आंध्र प्रदेश की चंद्रबाबू नायडू सरकार ने सीबीआई को कार्रवाई के लिए दी गई सामान्य छूट वापस ले ली थी। वहीं बाद में पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने लागू कर दिया। बता दें कि उस समय इसे सिर्फ राजनीतिक लड़ाई के रूप में देखा जा रहा था। लेकिन उस समय किसी ने सोचा नहीं था कि इससे भ्रष्ट अधिकारियों की मौज हो जाएगी। खासतौर पर पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश में काम करने वाले केंद्र के अधिकारियों पर शिकंजा कसना मुश्किल हो जाएगा। उज्जैन: बीजेपी सांसद ने महाकाल मंदिर परिसर में पुलिसवालों को दी गालियां वहीं सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई अब जांच एजेंसियों की आपसी लड़ाई में तब्दील हो गई है। इसका सीधा फायदा भ्रष्ट अधिकारियों को होगा। उनके अनुसार, सीबीआई को जीएसटी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई न करने की अनुमति देकर एसीबी से गिरफ्तार कराना इसका सबूत है। खबरें और भी 12 साल की उम्र में दिया लाइसेंस, जांच के आदेश भीम आर्मी की हुंकार, देश भर के सभी हनुमान मंदिरों में कब्ज़ा करे दलित समुदाय असम: इंटरसिटी ट्रेन में हुआ विस्फोट, एहतियात के तौर पर कराया गया ट्रेनों को खाली