अब 2013 वाला 'भारत' नहीं रहा, 10 सालों में की जबरदस्त तरक्की, इंडियन इकॉनमी पर Morgan Stanley की डिटेल रिपोर्ट

नई दिल्ली: अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा फ़र्म मॉर्गन स्टेनली (Morgan Stanley) ने अपनी नई रिपोर्ट में पीएम नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार की जमकर प्रशंसा की है। अपनी रिपोर्ट में मॉर्गन स्टेनली ने कहा है कि यह 2013 वाला भारत नहीं रहा, बीते 10 वर्षों की छोटी अवधि में भारत ने मैक्रो और मार्केट आउटलुक में सकारात्मक परिणाम के साथ ग्लोबल ऑर्डर में जगह बनाने में बड़ी सफलता पाई है। 'इंडिया इक्विटी स्ट्रैटेजी एंड इकोनॉमिक्स: हाउ इंडिया हैज ट्रांसफॉर्मेड इन लेस कम अ डिकेड', नाम से जारी की रिपोर्ट में हिंदुस्तान को लेकर बेहद जबरदस्त भविष्यवाणी भी की गई है। मॉर्गन स्टेनली ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत आने वाले वक़्त में एशियाई देशों में प्रमुख लीडर के रूप में उभरेगा। साथ ही अगले दशक में भारत वैश्विक विकास का पांचवां हिस्सा बन जाएगा। बता दें कि, मॉर्गन स्टेनली एक अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा फर्म है, जिसका मुख्यालय अमेरिका के न्यू यॉर्क में स्थित है और ये फर्म 1935 से लगातार वित्तीय मामलों पर नज़र रख रही है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि हम भारत के संबंध में विशेष रूप से विदेशी निवेशकों को लेकर संदेह में हैं, क्योंकि वो (निवेशक) कहते हैं कि भारत दूसरी सबसे तेजी से बढ़ती इकॉनमी है। मगर, इसके बाद भी बीते 25 वर्षों में टॉप प्रदर्शन करने वाले शेयरों बाजारों में इसने अपनी क्षमता के मुताबिक प्रदर्शन नहीं किया है। हालांकि, इस प्रकार का नजरिया उन महत्वपूर्ण परिवर्तनों को नज़रअंदाज़ करता है, जो भारत में हुए हैं। खासकर वर्ष 2014 के बाद। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि बीते 10 सालों में भारत की बेस कॉर्पोरेट टैक्स दर 25 फीसद से कम रही है, जबकि 24 मार्च से पहले आरम्भ होने वाली नई कंपनियों के लिए यह 15 फीसद पर बनी हुई है। बुनियादी ढांचे के विकास के मोर्चे पर रिपोर्ट में कहा गया है कि राष्ट्रीय राजमार्गों, ब्रॉडबैंड ग्राहक बेस, नवीकरणीय ऊर्जा और विद्युतीकृत रेलवे मार्ग में अहम विकास हुआ है।

मॉर्गन स्टेनली ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि किस तरह भारत का GST कलेक्शन निरंतर बढ़ रहा है। बीते 10 वर्षों में डिजिटल ट्रांसैक्शन में जबरदस्त इजाफा हुआ है और इसने आर्थिक विकास को काफी लाभ पहुंचाया है। रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि भारत इस दशक के अंत तक वैश्विक विकास का पांचवां हिस्सा होगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि GDP और उत्पादकता वृद्धि के अंतर भारत के पक्ष में होंगे। बता दें कि, भारतीय इकॉनमी को औपचारिक रूप देने में मॉर्गन स्टैनली ने GST कलेक्शन को आधार बनाया, जो बीते कुछ वर्षों में लगातार वृद्धि दिखी है। डिजिटल लेनदेन अब सकल घरेलू उत्पाद का 76 फीसद तक बढ़ गया है। इससे पहले मॉर्गन स्टेनली ने 18 मई को कहा था कि भारत मौजूदा वित्त वर्ष 2023-24 में 6.2 प्रतिशत की दर से वृद्धि करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

रिपोर्ट के अनुसार, देश में विनिर्माण और पूंजीगत व्यय में स्थिर वृद्धि के परिणामस्वरूप वर्ष 2031 तक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में दोनों की हिस्सेदारी करीब 5 फीसद तक बढ़ जाएगी। इसके साथ ही रिपोर्ट में मॉर्गन स्टेनली ने यह भी कहा है कि भारत का निर्यात बाजार हिस्सा 2031 तक बढ़कर 4.5 फीसद हो जाएगा, जो 2021 के स्तर से तक़रीबन 2 गुना होगा, जिसमें माल और सेवाओं के निर्यात में व्यापक लाभ होगा।

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