नई दिल्ली: देश का बैंकिंग सेक्टर बड़ा बदलाव करने जा रहा है। जानकारी के अनुसार बता दें कि अब हर सेवा पर आपको टैक्स या फीस चुकानी होगी। यहां बता दें कि एटीएम से 3 बार होने वाले फ्री ट्रांजेक्शन का दौर भी जल्द ही खत्म हो सकता है और दूसरे एटीएम से पैसे निकालने पर आपको ज्यादा चार्ज देना पड़ सकता है। यानि खाताधारकों की जेब पर कैंची चलाकर बैंक अपने घाटे को पूरा करेंगे। बीएसएनएल ने आधार से मिलाया हाथ, 90 करोड़ का सौदा, यह मिलेंगे फायदे दरअसल एनपीए से जूझ रहे बैंकों ने फ्री सर्विस को बंद करने और जिन सेवाओं पर टैक्स लगाया जा रहा है उन्हें महंगा करने की योजना बनाई है। वहीं सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक एसबीआई निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक आईसीआईसीआई, एचडीएफसी, एक्सिस, कोटक महिंद्रा जैसे बड़े बैंक भी ग्राहकों को मुफ्त में दी गई सेवाओं पर चार्ज वसूलने की तैयारी कर रहे हैं। इसके अलावा एटीएम से कैश निकालने, चेकबुक लेने, कैश जमा करने, लॉकर विजिट करने, मिनिमम बैलेंस मेंटेन नहीं करने और जन धन योजना के खातों पर असर पड़ सकता है। यहां लड़कों के लिए लड़कियां लगाती हैं लाइन, एक रात की इतनी होती है कीमत गौरतलब है कि बैंकों की ओर से एटीएम से कैश निकालने, लॉकर विजिट, चेकबुक सहित कई सेवाएं फ्री में दी जाती हैं। हालांकि ये सेवाएं बैंकों को काफी महंगी पड़ती हैं, जिनके चार्जेस बढ़ने से बैंकों पर भार बढ़ रहा है। वहीं बता दें कि बैंकों को इस तरह की सेवाओं पर लगभग 40 हजार करोड़ रुपए का सर्विस टैक्स देना पड़ता है। इसके साथ ही राजस्व विभाग और वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले वित्त सेवा विभाग के बीच बैठक में बैंकों ने इन सेवाओं पर टैक्स छूट देने मांग की थी। बताया जा रहा है कि यह मामला अब प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंच चुका है। वहीं इस समस्या के समाधान के लिए बैंकों व वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के बीच एक विशेष बैठक बुलाई गई है, जिसका नतीजा इसी सप्ताह तक आ सकता है। खबरें और भी शेयर बाजार : लगातार पांचवे दिन जारी है बाजार में रौनक, आज आया इतना उछाल क्या सचमुच भाजपा के समर्थक हैं सचिन तेंदुलकर ? भारत बना दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ता हुआ ई कॉमर्स मार्केट