अब इस नकली हाथ से होगा असली काम

लंदन: वैज्ञानिकों ने एक कृत्रिम हाथ विकसित किया है, जिसके जरिए 25 साल पहले अपने अंग खो चुकी एक महिला को स्पर्श की अनुभूति मिली है. प्रयोगशाला के बाहर स्पर्श की अनुभूति से लैस यह पहला कृत्रिम हाथ है. करीब 25 साल पहले एक हादसे में अपना बायां हाथ गंवा चुकी अल्मेंरिना मसकारेलो ने कहा कि यह उसी तरह है जैसे कि उनका हाथ वापस मिल गया हो. इकोल पॉलीटेक्नीक फ़ेडेरेल डी लुसाने और स्कूओला सुपीरिओर सेंट अन्ना, पीसा के प्रोफ़ेसर सिल्वेस्त्रो मिकेरा ने कहा, "यह पहली बार हुआ है जिससे महिला को स्पर्श की अनुभूति हुई है."

इस बायोनिक हाथ में न केवल एडवांस वैज्ञानिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है बल्कि ऐसे इलेक्ट्रॉनिक्स और सॉफ्टवेयर लगाए गए हैं जो मस्तिष्क को संदेश भेजते हैं. जैसा कि स्टार वार्स में ल्यूक स्काईवाक का इंसानी हाथ की तरह पूरी तरह नियंत्रित, पूर्ण रूपेण कुदरती, सेंसर से लैस कृत्रिम हाथ था. इस कृत्रिम हाथ में सेंसर की तकनीक होती है, जिससे वस्तु के कठोर या मुलायम होने के बारे में सूचना मिलती है. यह संदेश कम्‍प्यूटर से जुड़ा होता है जो इन संकेतों को एक भाषा में बदल देता है, जिसे दिमाग आसानी से समझ सकता है.

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