इंदौर: अब से आपके घर पर बिजली की मीटर रीडिंग, बिल बांटने और बकाया राशि की वसूली के लिए गीता, सपना, रेशमा आ सकती है. क्योंकि अब से गाँव और शहर के स्लम इलाकों में बिजली की मीटर रीडिंग, बिल बांटने और बकाया राशि की वसूली के लिए कोई भी पुरुष कर्मचारी नहीं आएगा. बल्कि महिला कर्मचारी आपके घर इस काम के लिए आएगी. इस तरह का यह अनोखा प्रयोग मध्यप्रदेश में होने जा रहा है. यह प्रयोग इंदौर की पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी करेगी. इस काम के लिए पहले चरण में हर जिले के दो केंद्रों और कंपनी क्षेत्र के तीस केंद्रों की जिम्मेदारी नारी शक्ति यानि स्व सहायत समूह (एसएचजी) की महिलाओं को दी जाएगी. खबर मिली है कि विद्युत वितरण कंपनी को प्रदेश के ऊर्जा मंत्री पारसचंद्र जैन ने बिजली मित्र योजना के जरिये गाँव और स्लम इलाकों में व्यवस्था चलाने और इन इलाकों में बिजली सेवा और वसूली में सुधार के लिए कहा था. इसके बाद ही इंदौर बिजली कंपनी के एमडी आकाश त्रिपाठी ने सभी पंद्रह जिलों इंदौर, धार, झाबुआ, उज्जैन, रतलाम, मंदसौर, शाजापुर, आगर, नीमच आलीराजपुर, देवास, खरगोन, बड़वानी, बुरहानपुर और खंडवा के अधीक्षण यंत्रियों को बिजली मित्र योजना के जरिये स्व सहायता समूह की चुनिन्दा महिलाओं या फिर पूरे समूह को जोड़कर क्षेत्र विशेष की बिजली व्यवस्था का काम सौंपने के आदेश दिए हैं. पुलिस ने हवाला कारोबारियों से बरामद किये 80 लाख रुपए दिल्ली के लोगों को इस बार पुराने पटाखों से ही काम चलाना होगा शिवराज सरकार बच्चों को यौन हिंसा से बचाने के लिए बनाएगी कानून देश का पहला विशेष टॉयलेट किन्नरों के लिए भोपाल में खुला