नई दिल्लीः केंद्र सरकार देश को हमेशा कैशलेस बनाने के लिए अग्रसर रही है। सरकार चाहती है कि बाजार में लोग कैश के बदले डिजीटल पेमेंट का प्रयोग करें। नोटबंदी के पीछे भी सरकार ने यही तर्क दिया था। सरकार का मानना है कि इससे अर्थव्यवस्था में काले धन का प्रवाह रूकेगा। इसी कड़ी में नेशनल पेमेंट्स कार्पोरेशन आफ इंडिया ने रुपे डेबिट कार्ड से लेनदेन पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) में कमी की है। नई रेट 20 अक्टूबर 2019 से प्रभावी होगी। डेबिट कार्ड के लेनदेन पर दी गई यह छूट सभी तरह के पाइंट आफ सेल (पीओएस) पर लागू होगी। इसके अलावा ईकॉम और भारतक्यूआर कोड आधारित मर्चेंट लेनदेन पर भी नई दर लागू होगी। 2,000 रुपये से अधिक के लेनदेन पर एमडीआर को संशोधित कर 0.60 फीसद कर दिया गया है। इसमें प्रति लेनदेन अधिकतम 150 रुपये लिया जायेगा। मौजूदा समय में 2,000 रुपये से अधिक के लेनदेन पर 0.90 फीसद का एमडीआर लिया जाता है। इसमें अधिकतम सीमा प्रति लेनदेन 1,000 रुपये तय की गई थी। भारत क्यूआर यानी कार्ड आधारित क्यूआर लेनदेन पर एमडीआर को भी कम कर 0.50 फीसद कर दिया गया है और अधिकतम एमडीआर 150 रुपये प्रति एमडीआर होगा। नेशनल पेमेंट्स कार्पोरेशन आफ इंडिया के अनुसार, एमडीआर दर कम करने और अधिकतम सीमा को कम करने से अब कारोबारी डेबिट कार्ड से लेनदेन करने को प्रोत्साहित होंगे. अब तक ऊंची दर के कारण वह इसके जरिए लेनदेन से कतराते रहे हैं। देश में कई गांव को डिजीटल लेन देन के मामले में सम्मान भी किया जा चुका है। हालांकि अभी इसके पूरी तरह से देश में लागू होने पर समय लगेगा। कर्ज के बोझ तले दबे अनिल अंबानी, जल्द दिवालिया हो सकती है एक और कंपनी पेट्रोल और डीजल के भाव में आया बड़ा उछाल, जानें नई कीमत विप्रो की पुनर्खरीद योजना में अजीम प्रेमजी ने बेचे इतने के शेयर