कोहिमा। मोस्ट वांटेड नागा विद्रोही समूह एनएससीएन के अध्यक्ष खापलांग की म्यांमार के कचिन राज्य के टक्का में मौत हो गई है। खापलांग अपने जीवन की 77 वर्ष की आयु में पहुंच गया था और काफी समय से बीमार था। उसे उपचार दिया जा रहा था। उस पर मणिपुर सेना के 18 जवानों को मारने और सुरक्षा बलों पर होने वाले हमलों मेें मास्टरमाईंड होने का आरोप था। मिली जानकारी के अनुसार खापलांग को दिल का दौरा पड़ गया था। शांगवांग शांगयुंग खापलांग म्यांमार का हेमी नागा था। गौरतलब है कि इस संगठन के म्यांमार कई शिविर हैं। इस गुट पर लूटपाट और सुरक्षाबलों पर हमले के ही साथ जबरन धन वसूली का आरोप है। मिली जानकारी के अनुसार म्यांमार के पांगसाउ के समीप वाकथाम गांव में 1940 में खालांग का जन्म हुआ था। नागा पीपल्स मूवमेंट फॉर ह्यूमन राइट्स (एनपीएमएचआर) के महासचिव नीनगुलो क्रोम ने कहा कि खापलांग के आकस्मिक निधन से वह स्तब्ध हैं। क्रोम ने कहा कि यह ऐसे समय पर हुआ है जब नागा लोगों को उनके राष्ट्रीय आंदोलन के नेताओं के अनुभव की बहुत जरूरत है ताकि नागाओं के भविष्य को सही दिशा मिल सके। नागा होहो और नागा मदर्स एसोसिएशन सहित अन्य विद्रोही समूहों या प्रमुख जनजातीय निकायों से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है। गौरतलब है कि खापलांग की सरकार से चर्चा चल रही थी। केंद्र सरकार के वार्ताकार के साथ उसकी शांति वार्ता चल रही थी मगर बाद में यह प्रयास बंद हो गया और फिर वर्ष 2015 में उस पर 5 वर्ष का प्रतिबंध लगा दिया गया। PM मोदी ने अशरफ गनी से कहा, आतंक के खिलाफ हम साथ -साथ हैं अंतरराष्ट्रीय मंच पर सबने देखा , शरीफ सरकार सेना की कठपुतली राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्ष हो रहा एकजुट, केजरीवाल मिले शरद यादव