विजयवाड़ा: वाईएसआरसी सरकार द्वारा एनटीआर यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज का नाम बदलकर मुख्यमंत्री के पिता और पूर्व सीएम दिवंगत वाई.एस. राजशेखर रेड्डी ने एक विवाद को बढ़ावा दे दिया है। जी हाँ और इस मामले में बीते बुधवार को एपी विधानसभा में विवाद खड़ा हो गया। जी दरअसल विपक्षी तेलुगु देशम विधायकों के निलंबन के बाद विधानसभा ने नामकरण विधेयक पारित किया। वहीं विश्वविद्यालय को अब डॉ वाईएसआर स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय कहा जाएगा। जी हाँ, पूर्व सीएम एनटी रामाराव का नाम हटाकर ऐसा किया गया। ऐसे में विपक्षी विधायक जब विधानसभा में पहुंचे तो अध्यक्ष के आसन पर चढ़ गए, कागज फाड़े और उन्हें अध्यक्ष तम्मिनेनी सीताराम पर फेंक दिया। ऐसा होने के कारण, एक बार फिर, टीडी विधायकों को एक दिन के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया। केवल यही नहीं बल्कि उन्होंने जाने से इनकार कर दिया लेकिन मार्शल ने उन्हें बाहर कर दिया। साल 1986 में एनटीआर ने संयुक्त आंध्र प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक अलग स्वास्थ्य विश्वविद्यालय का गठन किया। जी हाँ और एनटीआर की मृत्यु के बाद, तत्कालीन मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने विश्वविद्यालय का नाम मैटिनी मूर्ति से राजनेता-सीएम के नाम पर रखा। हालाँकि वर्तमान फैसला जगन सरकार ने रातोंरात लिया। बीते बुधवार को विधानसभा में बिल पेश किया गया। इस दौरान पर्यटन मंत्री आर।के। रोजा ने याद किया कि नायडू ने एनटीआर पर चप्पल फेंकी थी, उन्होंने विधानसभा में उन्हें माइक देने से मना करके उन्हें अपमानित भी किया था और बाद में पीठ में छुरा घोंपकर एनटीआर से सत्ता और तेलुगु देशम पार्टी छीन ली थी। इसके अलावा उन्होंने कहा, "नायडू ने अपनी सरकार के दौरान कभी भी एनटीआर को सम्मान देने की कोशिश नहीं की और विश्वविद्यालय के लिए वाईएसआर नाम का समर्थन किया।" वहीं मुख्यमंत्री जगन रेड्डी ने अपनी समापन टिप्पणी में कहा कि, 'डॉ वाईएस राजशेखर रेड्डी को उचित श्रेय देने के लिए यह एक सुविचारित कदम था। "किसी भी तरह से मेरा एनटीआर के प्रति कोई अनादर नहीं है।" इसके बाद विधानसभा ने नाम बदलकर डॉ वाईएसआर यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज में बिल पारित कर दिया। मंत्री सिलावट ने की सफाई, गांवों को स्वच्छ और सुंदर रखने का दिया संदेश 'मुझे एक बार मेरी पत्नी से मिला दो..', अब NIA के सामने रो रहा कन्हैयालाल का कातिल महादेव के भक्तों को बड़ा झटका, बंद हुई महाकाल मंदिर की ये सुविधा