नई दिल्ली : यह बेहद चिंता की बात है कि यातायात के बढ़ते दबाव से देश में सड़क दुर्घटनाएं ज्यादा जानलेवा साबित हो रही है.सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार रोजाना लगभग 400 लोग सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गवां रहे हैं.दुर्घटनाओं में मृतकों की संख्या में 2016 में इजाफा हुआ है. उल्लेखनीय है कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2015 में 5 लाख एक हजार 423 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें एक लाख 46 हजार 133 लोगों की मौत हो गई, वहीं वर्ष 2016 में चार लाख 80 हजार 652 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें एक लाख 50 हजार 785 लोगों की जान गई. बता दें कि 2015 की तुलना में 2016 में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या चार प्रतिशत कम तो हुई, लेकिन मरने वालों के आंकड़े तीन प्रतिशत बढ़ गए. आपको बता दें कि बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं में दो पहिया वाहनों में चालक द्वारा बिना हेलमेट के तेज रफ्तार वाहन चलाना भी प्रमुख कारण माना गया है. इसके अलावा चार पहिया वाहनों में भी तेज रफ़्तार, शराब पीकर वाहन चालन , यातायात नियमों का पालन न करना , सामने या पीछे से टक्कर मारना या किसी अंधे मोड़ पर वाहनों का टकराना भी दुर्घटना का प्रमुख कारणों में माना गया है. लेकिन इसमें जन हानि होना ज्यादा चिंताजनक है. यह भी देखें 'सड़क विवाद' से सड़क पर आ सकते हैं सिद्धू सड़क हादसा: एक ही परिवार के 5 लोगों की मौत, ग्रामीणों ने किया चक्काजाम