भुवनेश्वर: ओडिशा के पुरी जिले के पिपली शहर में बर्ड फ्लू के प्रकोप की पुष्टि हुई है, जिसमें कई पोल्ट्री फार्मों में H5N1 एवियन इन्फ्लूएंजा का पता चला है। इसके बाद अधिकारियों ने इसकी रोकथाम के उपाय शुरू कर दिए हैं। रोकथाम उपायों के तहत, वायरस को अन्य क्षेत्रों में फैलने से रोकने के लिए 20,000 से अधिक पक्षियों को मारने की तैयारी है। पशुपालन विभाग ने पक्षियों को मारने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जो कई दिनों तक जारी रहने की उम्मीद है। स्थानीय अधिकारी यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि ऑपरेशन के दौरान सभी प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जाए। पक्षियों को मारने के अलावा, वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए प्रभावित क्षेत्रों में व्यापक कीटाणुशोधन उपाय लागू किए जा रहे हैं। पिपली के निवासियों को पक्षियों के संपर्क से बचने और किसी भी बीमार या मृत मुर्गी की सूचना तुरंत अधिकारियों को देने की सलाह दी गई है। वायरस को फैलने से रोकने के लिए, क्षेत्र से पोल्ट्री उत्पादों की बिक्री और परिवहन पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया गया है। स्वास्थ्य और पशु चिकित्सा अधिकारियों द्वारा स्थिति की बारीकी से निगरानी की जा रही है, जिसमें प्रकोप को रोकने और सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। पशु इन्फ्लूएंजा वायरस आम तौर पर जानवरों में फैलता है, लेकिन यह मनुष्यों को भी संक्रमित कर सकता है। मनुष्यों में संक्रमण मुख्य रूप से संक्रमित जानवरों के सीधे संपर्क या दूषित वातावरण के अप्रत्यक्ष संपर्क के माध्यम से प्राप्त हुआ है। ओडिशा के पशुपालन निदेशालय में रोग नियंत्रण के अतिरिक्त निदेशक डॉ जगन्नाथ नंदा ने कहा कि, "17 अगस्त को, हमें पिपिली क्षेत्र से एक रिपोर्ट मिली, जिसमें संकेत दिया गया कि असामान्य परिस्थितियों में 1,800 पक्षी मर गए थे। नमूने एकत्र करने के लिए तुरंत एक टीम को साइट पर भेजा गया, जिसे फिर परीक्षण के लिए भोपाल भेजा गया। 23 अगस्त को प्राप्त परिणामों ने बर्ड फ्लू की उपस्थिति की पुष्टि की । नतीजतन, पिपिली और सत्यबाड़ी दोनों ब्लॉकों में 24 अगस्त को पक्षियों को मारने का काम शुरू हुआ। पक्षियों को मारने की प्रक्रिया चल रही है और हम उनके आकार के अनुसार 20 रुपये और 70 रुपये का भुगतान करेंगे।" शराब घोटाले में कविता को बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने दी जमानत हिन्दू नामों से अकाउंट खुलवाकर मंगाते थे आतंक का पैसा! लेना था गोधरा का बदला नर्सिंग छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न, सड़क पर उतरीं नर्सो ने की ये मांग