ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री नब किशोर दास की इलाज के दौरान मौत, ASI ने मारी थी गोली

भुवनेश्वर: ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री नब किशोर दास, जिन्हें झारसुगुड़ा में एक ASI ने गोली मार दी थी – की उपचार के दौरान मौत हो गई है। ये घटना रविवार (29 जनवरी) की है। उन्हें एक एसिस्टेंट सब इंस्पेक्टर ने गोली मार दी थी। उनके सीने में गोली लगी थी, जिसके बाद उपचार के लिए उन्हें राजधानी भुवनेश्वर स्थित अपोलो अस्पताल में एडमिट कराया गया था। बता दें कि, जब मंत्री गाँधी चौक के पास रुके थे, तब उन्हें ASI ने 4-5 गोलियाँ मार दी थीं।

रिपोर्ट के अनुसार, ये घटना बृजराजनगर इलाके में हुई है। मंत्री उस वक़्त एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जा रहे थे। आरोपित ASI की शिनाख्त गोपाल दास के रूप में हुई है। स्थानीय लोगों ने उसे पकड़ लिया और उसे पुलिस के हवाले कर दिया। वीडियो में देखा जा सकता है कि जब मंत्री नब किशोर दास को लोग उन्हें कार की सीट पर बिठा रहे थे, उस समय उनके शरीर से बहुत खून बह रहा था। एक गोली उनके सीने के आर-पार हो गई थी।

उन्हें ICU केयर यूनिट में एडमिट कराया गया था और दिल की पंपिंग को सुधारने के लिए कदम उठाए गए। सीएम नवीन पटनायक ने इसे सूबे के लिए एक बड़ी क्षति करार दिया है। उन्होंने अपराध शाखा द्वारा मामले की जाँच कराने की बात कही है। ASI ने इस वारदात को अंजाम देने से पहले अपनी पत्नी को वीडियो कॉल किया था। पत्नी जयंती का कहना है कि गोपाल दास अंतिम बार 5 माह पहले घर आया था। साथ ही पत्नी ने उसे मानसिक बीमारी होने का दावा करते हुए कहा कि वो 7-8 वर्षों से उपचार करवा रहा था और दवा लेता था।

बताया जा रहा है कि, गोपाल दास ने वारदात वाले दिन सुबह अपनी बेटी से भी बात की थी। बीवी का कहना है कि वो दवा लेने के बाद सामान्य बर्ताव करता था। BJD कार्यकर्ताओं में इस घटना के बाद काफी आक्रोश देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, खुद अपने स्वास्थ्य मंत्री का हालचाल लेने अस्पताल पहुँचे थे और बेटे को सांत्वना दी थी। क्राइम ब्रांच के वरिष्ठ अधिकारियों को फ़ौरन मौके पर जाकर जाँच शुरू करने के लिए कहा गया। नब किशोर दास ओडिशा के सबसे रईस नेताओं में से एक थे, जिन्होंने महाराष्ट्र के शनि मंदिर को 1 करोड़ रुपए का सोने का घड़ा दान किया था।

महराजगंज में 111 नवजातों की मौत कैसे ? कारण का पता लगाएगी 3 सदस्यीय टीम

सड़क पर उतरे लाखों हिन्दू, लव जिहाद, लैंड जिहाद और धर्मांतरण पर कानून बनाने की मांग

Hindenburg के आरोपों पर अडानी ग्रुप ने दिया 413 पन्नों का जवाब, जानिए क्या-क्या कहा ?

Related News