भुवनेश्वर: ओडिशा के बालासोर में हुए दर्दनाक ट्रेन हादसे के एक सप्ताह बाद भी 82 शवों की पहचान नहीं हो पाई है। शवों की पहचान के लिए DNA रिपोर्ट की प्रतीक्षा में पीड़ितों के परिजनों ने वापस घर लौटना भी शुरू कर दिया है। आधिकारिक सूत्रों ने जानकारी दी है कि AIIMS-भुवनेश्वर, जहां शव रखे गए हैं, वहां अधिकारियों ने बीते 48 घंटों में से एक भी परिवार को शव नहीं सौंपे हैं। उनमें से अधिकतर शव सड़ चुके हैं। AIIMS के अधिकारियों का कहना है कि शवों की DNA प्रोफाइलिंग पूरी कर ली गई है। उन्होंने 50 से ज्यादा रिश्तेदारों के ब्लड सैंपल भी एकत्रित किए गए हैं, जिन्हें एक या दो दिन में नई दिल्ली भेजा जाएगा। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शुक्रवार (9 जून) को AIIMS के अधिकारियों के साथ मुलाकात की और शवों की शिनाख्त पर चर्चा की। प्रधान ने प्रेस वालों से कहा कि, 'DNA मैचिंग वैज्ञानिक तरीके से पहचान का एकमात्र तरीका है और हम इस संबंध में हरसंभव कोशिश कर रहे हैं।' राज्य सरकार के सूत्रों ने जानकारी दी है कि DNA रिपोर्ट आने के बाद ही लावारिस शवों के अंतिम संस्कार पर कोई निर्णय लिया जाएगा। सूत्रों ने बताया है कि, 'बिहार और पश्चिम बंगाल के कुछ लोग अभी भी लाशों पर दावा करने आ रहे हैं, हमने उन्हें तस्वीरों से शवों की पहचान करने को कहा है। हम DNA जांच के लिए उनके ब्लड सैंपल ले रहे हैं, जिससे उनकी पहचान की जाएगी।' आदिवासी समाज के 17 लोगों ने पुनः अपनाया हिन्दू धर्म, बीमारी से ठीक होने की लालच में बन गए थे ईसाई किसान नेता ही नहीं दिग्गज 'कारोबारी' भी हैं राकेश टिकैत, दो बार लड़ चुके हैं चुनाव, कभी थे दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल ! राजस्थान में 19000 किसानों की जमीनें कुर्क, नहीं चुका पाए कर्जा! 10 दिन में 'कर्जमाफी' का था वादा