भुवनेश्वर: ओडिशा के बालासोर में बहनागा बाजार स्टेशन के नजदीक हुए ट्रेन हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. शुक्रवार (2 जून) की शाम को हादसे की खबर टुकड़ों-टुकड़ों में सामने आई. पहले कोरोमंडल एक्सप्रेस और मालगाड़ी की भिड़ंत की सूचना मिली. इसके बाद इसमें हावड़ा एक्सप्रेस से टक्कर की खबर भी सामने आई और देर शाम तक यह स्थिति स्पष्ट हुई कि 3 ट्रेनें आपस में भिड़ गई हैं. हादसे की जो तस्वीरें सामने आई हैं, वह डराने वाली हैं, उन्हीं से यह अंदेशा हो गया था कि मृतकों की संख्या 100 के पार जाएगी और हुआ भी यही। पहले 30, फिर 50, आगे 70 मृतकों की तादाद आधी रात को 120 में बदली और 280 तक पहुंच गई है. अभी तक के सामने आए आंकड़े के मुताबिक, 900 लोग जख्मी हैं. ओडिशा के मुख्य सचिव प्रदीप जेना ने इस बारे में जानकारी दी है. शनिवार सुबह जब अंधेरा छंटा, तो इस हादसे की भयवाह तस्वीर और स्पष्ट दिखाई देने लगी. बहनागा बजार इलाके में रातभर चीखपुकार मची रही. जानकारी के अनुसार, ट्रेन के डिब्बों के मलबे में अभी भी कई शव फंसे हुए हैं. कोरोमंडल एक्सप्रेस के कई एसी कोच ट्रैक से उतर कर पलट गए थे, लिहाजा इसमें मौतों के आंकड़े सबसे ज्यादा हैं. NDRF को बोगियों के बीच चिपके शवों को निकालने के लिए गैस कटर का उपयोग करना पड़ा तो वहीं, कई जख्मी ऐसे भी हैं जो क्षतिग्रस्त बोगियों में फंसे हुए हैं. बचाव अभियान में सहायता के लिए सेना ने भी हाथ बढ़ाया है. वहीं, शुक्रवार को हुए रेल हादसे को लेकर ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने 3 जून को राज्य में एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया है. इसलिए पूरे राज्य में 3 जून को किसी तरह का कोई उत्सव नहीं मनाया जाएगा. ओडिशा के सूचना और जनसंपर्क विभाग ने इस संबंध में जानकारी दी है. आतंकवाद का कोई धर्म नही होता! फिर आतंकी बनने से पहले धर्म क्यों बदलना पड़ता है ? सीएम नितीश कुमार ने पर्यावरण मंत्रालय के काम पर बुलाई समीक्षा बैठक, पर्यावरण मंत्री तेजप्रताप यादव ही रहे गायब असम: 39 उग्रवादियों ने छोड़ा हिंसा का रास्ता, पुलिस के सामने डाले हथियार