नई दिल्ली: तेल कंपनियों ने एक नवंबर 2020 से देश में बदलने वाला रसोई गैस सिलिंडर (LPG) से संबंधित एक महत्वपूर्ण, डिलीवरी ऑथेंटिकेशन कोड (DAC) फिलहाल के लिए स्थगित कर दिया है। इसलिए अगर किसी उपभोक्ता का मोबाइल नंबर, गैस कनेक्शन से लिंक नहीं है, तो भी उन्हें फिलहाल परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। हालांकि, करीब 30 फीसदी कस्टमर पहले से ही इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। इस संदर्भ में तेल कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी है कि DAC जारी रहेगी, पर यह अनिवार्य नहीं है। यानी यदि किसी कस्टमर का मोबाइल नंबर गैस कनेक्शन के साथ जुड़ा हुआ नहीं है, तो उसके मोबाइल पर DAC नहीं आएगा। तकनीकी समस्याओं को देखते हुए इसे फिलहाल के लिए अनिवार्य नहीं किया गया है। जबकि पहले कंपनियों ने एक नवंबर से दिल्ली-NCR और 100 स्मार्ट सिटी में सिलिंडर की डिलीवरी के लिए एक नवंबर से कस्टमर्स को DAC कोड दिखाना अनिवार्य किया था। क्या है डीएसी कोड? DAC कोड के माध्यम से केवल बुकिंग कराने पर ही आपको सिलिंडर की डिलीवरी नहीं मिलेगी। इसके लिए आपके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एक OTP भेजा जाएगा, उस OTP को आपको डिलीवरी ब्वाय को बताना होगा। ऐसा करने पर ही उपभोक्ताओं को रसोई गैस सिलिंडर मिलेगा। इसलिए यदि किसी ग्राहक का मोबाइल नंबर पंजीकृत नहीं है, तो वे एप के माध्यम से अपना नंबर अपडेट करवा सकते हैं। यह एप डिलीवरी ब्वाय के पास भी उपलब्ध होगा। नंबर अपडेट कराने के बाद OTP जनरेट हो जाएगा। 4 दिन में तीसरी बार सस्ता हुआ सोना, चांदी की कीमतों में वृद्धि मधुबनी में दर्दनाक हादसा, खौलते दूध में गिरे दो मासूम बच्चे, दोनों की मौत इस कंपनी के IPO को मिली ब्रिटेन की जीडीपी के बराबर बोलियां