नई दिल्‍ली : एक जुलाई से वस्‍तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद ओला और उबर का रेंटल 30 फीसदी तक महंगा होने से ऐप के जरिए कैब सर्विस देने वाली इन कंपनियों की लीज्‍ड कारों का सफर महंगा होने की संभावना है. यह असर केवल लीज्‍ड कारों के रेंटल पर ही पड़ेगा. ओला और उबर की अन्‍य टैक्‍सी सर्विस जीएसटी लागू होने के बाद सस्‍ती होने का अनुमान लगाया जा रहा है. उल्लेखनीय है कि ओला और उबर के पास करीब 30 हजार लीज्‍ड कारें हैं. जीएसटी कॉरपोरेट एग्जिक्‍यूटिव्स के लिए कार लीज पर खर्च बढ़ सकता है. लीज्‍ड कारों के महंगे होते सफर को ध्‍यान में रखते हुए बहुत से एग्जिक्‍यूटिव मौजूदा कार लीज को समय से पहले समाप्‍त कराने का प्रयत्न कर रहे हैं.केंद्र सरकार इस मुददे को जल्‍द ही जीएसटी काउंसिल के समक्ष उठा सकती है. खास बात यह है कि पुरानी कर व्यवस्था से जीएसटी में बदलाव से कराधान पर पड़ने वाले असर से जुड़े नियमों से गुडस को राहत दी गई है, लेकिन ऐसा लगता है कि इसमें लीज पर ध्‍यान नहीं दिया गया.इसीलिए यह विसंगति आ रही है.लीज पर वाहन लेने वालों के लिए जीएसटी के कारण मासिक भुगतान बढ़ने से इस उद्योग के व्यवसाय में बड़ा बदलाव आएगा. इस अजीब स्थिति का कारण लीज को गुडस मानना है, सर्विसेज नहीं. इस कारण दोहरे करारोपण की शिकायत सामने आ रही है. यह भी देखें GST इफ़ेक्ट : 1 जुलाई से होंडा की एक्टिवा की कीमत में मिलेगी छूट GST की वजह से बढ़ जाएंगे ट्रैक्टरों के दाम