यदि कोई हमारी आँखे कुछ देर के लिए बंद कर देता है तो हमें बैचेनी-सी महसूस होने लगती है और यही सोचते है कि जल्द ही हमारी आँखे खुले और इस दुनिया को देखे. लेकिन जरा उन लोगो के बारे में सोचिये जिसके पास इस दुनिया को देखने की शक्ति ही न हो. आज हम आपको एक ऐसी महिला की संघर्ष भरी कहानी बता रहे है जिसे सुनकर आप भी अपनी जिंदगी के सारे दुःख भूल जायेंगे. ये महिला दृष्टिहीन है बावजूद इसके ये बागवानी कर अपने जीवन का गुजारा करती है. ये बुजुर्ग दृष्टिहीन महिला मध्य प्रदेश के जबलपुर की रहने वाली है. ये दृष्टिहीन महिला कभी भी ऐसे स्कूल या कॉलेज नहीं गई जहां ब्रेल लिपि की शिक्षा दी जाती है. बावजूद इसके ये महिला आज सभी के लिए मिसाल बन गई है. इस 50 वर्षीय महिला का नाम तारा है जिनके पास बचपन से ही आँखो की रौशनी नहीं है. जब वे 6 महीने की थी तभी उनकी आँखो की रौशनी चली गई थी. जिस वजह से तारा की कभी शादी नहीं हुई. जैसे-जैसे वक्त गुजरता गया तारा को ऐसा लगने लगा कि वो अपने घर वालो पर बोझ है इसलिए तारा ने कुछ कर दिखाने की सोची. घर के पास एक जमीन खाली पड़ी थी तारा ने उसमे फल और सब्जिया उगाने की सोची लेकिन तारा से ऐसा हो नहीं पायी. फिर अचानक एक दिन तारा की गांव के ही एक एनजीओ वाले से मुलाकात हुई. तारा ने उसे अपनी सारी आपबीती सुनाई. फिर उस एनजीओ वाले ने जबलपुर के कृषि विश्वविद्यालय में बात की जिसके बाद तारा को वहां खेती करने की ट्रेनिंग दी गई. इसके बाद से तारा को खेती का पूरा ज्ञान हो गया और आज वो फल और सब्जियों की खेती कर अपना जीवन गुजार रही है. सांता बिकिनी में नज़र आयी Lisa Appleton, फिर दिखाए प्राइवेट पार्ट्स ये जनाब जमीन पर नहीं बल्कि 300 फिट ऊंचा जाकर करते है योगा सांता बिकिनी में नज़र आयी Lisa Appleton, फिर दिखाए प्राइवेट पार्ट्स