विश्व चैंपियनशिप के पूर्व कांस्य पदक विजेता मुक्केबाज गौरव बिधूड़ी ने अगले वर्ष होने वाले ओलंपिक क्वालीफायर के मद्देनजर आगामी ट्रायल्स के लिए चयन प्रक्रिया को चुनौती दे दी और इस मामले में खेल मंत्री किरेन रीजीजू के हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं. भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) और भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) को लिखे पत्र में बिधूड़ी ने कहा कि उन्हें कर्नाटक के बेलारी में 29 और 30 दिसंबर को होने वाले ट्रायल्स से अनुचित तरीके से बाहर रखा गया. बिधूड़ी ने पीटीआई से कहा कि मैं इस अन्यायपूर्ण व्यवस्था से तंग आ चुका हूं. इस साल विश्व चैंपियनशिप के पदकधारियों को सीधे ओलंपिक क्वालीफायर में प्रवेश दिया गया था. लेकिन जब मैंने 2017 में विश्व कांस्य पदक जीता था, लेकिन मुझे राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों के ट्रायल में खेलने की अनुमति नहीं दी गई थी. उन्होंने कहा कि उस वक्त मुझे कहा गया था कि मैंने ज्यादा प्रतिस्पर्धाओं में भाग नहीं लिया था, इस बार मुझे कहा जा रहा है कि मैंने कड़े प्रतिद्वंद्वियों का सामना नहीं किया. क्या कोई मुझे समझा सकता है कि यहां चयन का मानदंड क्या है? इसका कोई मतलब नहीं बनता. इस बात से गौरव परेशां हो रहे हैं. फरवरी में होने वाले क्वालीफायर के लिए बिधूड़ी चीन के 57 किग्रा ट्रायल में भाग लेना चाहते थे. लेकिन अमित पंघाल (52 किग्रा) और मनीष कौशिक (63 किग्रा) को ट्रायल्स से छूट दे दी गई. रैंकिंग अंक प्रणाली के आधार पर 57 किग्रा वर्ग में ट्रायल्स के लिए कविंदर सिंह बिष्ट (विश्व चैंपियनशिप के क्वार्टरफाइनल में रह चुके और एशियाई रजत पदक विजेता), राष्ट्रमंडल खेलों के पदक विजेताओं मोहम्मद हसमुद्दीन और गौरव सोलंकी तथा पूर्व विश्व युवा चैम्पियन सचिन सिवाच को चुना गया. टीम इंडिया को ट्रोल करना शोएब मलिक को पड़ा भारी, भारतीय फैंस ने कर दी बोलती बंद CAA: शोएब अख्तर का बड़ा खुलासा, कहा- दानिश कनेरिया हिन्दू थे, इसलिए टीम में उनके साथ.... आई-लीग : चेन्नई एफसी हुई उलटफेर का शिकार, 2-1 से हराकर अंकतालिका में सातवें स्थान पर लुड़की