नई दिल्ली: ओमान में रहकर काम कर रहे भारतीयों सहित अन्य देशों के लोगों के लिए बुरी खबर है. आने वाले समय में यहां विदेशी लोग देश की सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में नौकरियां नहीं पा सकेंगे. इस संबंध में ओमान के वित्त मंत्रालय ने बीते हफ्ते एक आदेश जारी किया है. इस आदेश में सरकारी क्षेत्र की नौकरियों में विदेशियों की बजाए ओमानी नागरिकों को लेने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए कहा गया है. कहने का मतलब है कि अब नौकरियों में विदेशियों का स्थान स्थानीय नागरिक लेंगे. हालांकि, ओमान सरकार द्वारा जारी किया गया आदेश तत्काल प्रभाव से लागू नहीं होगा. सरकार को इस बारे में जमीनी स्तर पर कार्यवाई करने में कम से कम एक वर्ष का वक़्त लग सकता है. WION को मिली जानकारी के अनुसार, ओमान की सरकारी कंपनियां अगले वर्ष के बजट के दौरान यह प्रस्ताव देंगी कि वे किस प्रकार विदेशियों का स्थान स्थानीय नागरिकों से भरेंगी. दरअसल, सरकार की ओमाइजेनेशन पॉलिसी लगभग 30 साल पुरानी है और जिसका मकसद स्थानीय जनता को नौकरी देना है. जबकि सरकार युवा आबादी को सॉन्स ऑफ सॉइल पॉलिसी के माध्यम से रोजगार प्रदान करती है. ऐसे में अब सवाल उठ रहा है कि ओमानी सरकार के इस कदम से कितने भारतीयों पर असर पड़ेगा? एक सूत्र के अनुसार, 'अधिकतर भारतीय कर्मचारी ब्लू-कॉलर (किसी एक निश्चित इंडस्ट्री में काम करने वाले) श्रमिक हैं, जो निर्माण क्षेत्र में काम कर रहे हैं, जहां यह नियम लागू नहीं होगा.' कोरोना ने चीन में बोला धावा, मिल रहे बिना लक्षण वाले मरीज चीन में टल रहा कोरोना वायरस का खौफ, फिर खुले पार्क व फॉरबिडन सिटी इन देशों का दावा कोरोना वायरस फैलाने का जिम्मेदार है चीन