जम्मू : जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने एक विवादित बयान दिया है. उमर अब्दुल्ला का मानना है कि जम्मू एवं कश्मीर में पहले से ज्यादा युवक आतंकवाद से जुड़ रहे हैं. उन्होंने इस बात पर दुख जताया कि संसद में हाल के अविश्वास प्रस्ताव के दौरान जम्मू एवं कश्मीर की तरफ पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया. यह बात उन्होंने कोलकाता में एक कार्यक्रम के दौरान कही. चंद्रग्रहण : गंगा घाटों पर होगा आरती का विशेष आयोजन एक अखबार के मुताबिक उमर ने यहां थिंक फेडरल कॉन्क्लेव में कहा, "मेरे कार्यकाल के दौरान (2009-2015) आतंकवाद से जुड़ने वालों की संख्या 20 थी, लेकिन पिछले वर्ष यह संख्या 200 से ऊपर जा पहुंची है." यहाँ पर उमर ने सिंधु जल संधि को भी समाप्त करने का आग्रह किया, क्योंकि इससे अपने पानी का इस्तेमाल करने का कश्मीरियों का अधिकार छिन गया है. ग्रहण से पहले भूकंप से दहल उठा हिमाचल इतना ही नहीं यहाँ पर उमर ने कहा जम्मू एवं कश्मीर में मारे गए आतंकवादियों की गिनती करने के बजाये कितने युवक आतंकवाद से जुड़ रहे हैं, इसे नहीं गिना गया. साथ ही उन्होंने इस पर भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के दावों की निंदा भी की. भाजपा-पीडीपी गठबंधन पर जोरदार हमला बोलते हुए उमर ने कहा कि जम्मू - कशमीर में 2015 में जब से यह गठबंधन सत्ता में आया, राज्य में आतंकवाद फिर से पैदा हो गया. ख़बरें और भी... मध्यप्रदेश से जुड़ी कुछ रोचक बातें... यूपी में कहर बनकर आई बारिश, अब तक 39 मौतें देर रात फिर अस्पताल लाये गए अध्यक्ष करूणानिधि