श्रीनगर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने के फैसले के बाद तमाम सियासी दलों के नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आ रही है। नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के उपाध्यक्ष और पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा कि यदि किसी को भी लगता है कि सरकार ने कृषि कानूनों को बड़प्पन दिखाते हुए रद्द किया है, तो यह उसकी गलतफहमी है। NC के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि भाजपा सरकार अपने लिए हालात बिगड़ते देखकर प्रतिक्रिया देती है। इसलिए तीनों कृषि कानूनों पर यह निर्णय लिया गया है। अब्दुल्लाह ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, 'किसी को भी यदि यह लगता है कि सरकार ने बड़प्पन दिखाते हुए कृषि कानूनों को निरस्त किया है, तो यह उसकी गलतफहमी है। यह सरकार सिर्फ अपने खिलाफ स्थिति जाते देख प्रतिक्रिया देती है। उपचुनावों में मिले झटके के बाद जैसे ईंधन के भाव घटा दिए गए। पश्चिमी उत्तर प्रदेश और पंजाब में चुनावी समीकरण गड़बड़ाने के साथ ही कृषि कानून रद्द कर दिए गए हैं।" बता दें कि शुक्रवार सुबह गुरु नानक देव जी की जयंती के पर्व पर पीएम मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने का ऐलान किया । इन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान पिछले साल से दिल्ली की सरहदों पर आंदोलन कर रहे हैं। चारा घोटाला: 23 नवंबर को CBI की स्पेशल कोर्ट में पेश होंगे लालू यादव उत्तराखंड में पूरी तरह हटे कोरोना प्रतिबन्ध, अब करना होगा केवल इन नियमों का पालन कृषि कानूनों की वापसी पर बोले तेजस्वी यादव- और टूट गया...