नई दिल्ली : जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को अपनी पत्नी को गुजारा भत्ता देना ही होगा. दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट स्थित परिवार अदालत ने उमर अब्दुल्ला को फटकार लगाते हुए कहा कि आप आर्थिक रूप से सक्षम हैं , तो फिर आप अपने बीवी-बच्चों को गुजारा भत्ता क्यों नहीं देना चाहते ? कोर्ट ने कहा कि आप अपनी जिम्मेदारी और जवाबदेही से नहीं भाग सकते. गौरतलब है कि अदालत ने कहा कि बीवी को गुजारा भत्ता देना सामाजिक न्याय मापने का एक पैमाना है.प्रायः ऐसे मामलों में सबसे ज्यादा शिकार बच्चे होते हैं.पत्नी के शिक्षित होने पर भी उसे गुजारा-भत्ता मिलने के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता.पति का यह कानूनी दायित्व है कि वह पत्नी और बच्चों को गुजारा भत्ता दे. कोर्ट ने फैसला सुनाया कि उमर अब्दुल्ला पत्नी पायल को हर महीने 75000 रुपये और बेटे को बालिग होने तक हर महीने 25000 रुपये देंगे. आपको जानकारी दे दें कि उमर और पायल की शादी 1994 में हुई थी. बाद में दोनों के संबंध बिगड़ गए और उमर अब्दुल्ला की पत्नी पायल 2009 से अलग रह रही है . इसके बाद उन्होंने भरण-पोषण के लिए कोर्ट में गुहार लगाई थी.हालाँकि इस मामले में कोर्ट ने पायल के लिए भी कहा कि वेस्टएंड में पायल की प्रॉपर्टी बेकार पड़ी है और उसके किराये से भी वह अपने रोजाना के खर्चे चला सकती हैं. यह भी देखें गिरिराज सिंह का सवाल, कठुआ पर मोमबत्ती वाले मदरसे पर खामोश क्यों दो कश्मीरी हैकर दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़े