बागपत: यूपी के बागपत के बिजरोल गांव से एक अनोखी घटना सामने आई है यहाँ स्ट्रीट डॉग की मौत हो गई। तत्पश्चात, ग्रामीणों ने मिलकर उसकी आत्मा की शांति के लिए शांति यज्ञ और ब्रह्म भोज का आयोजन किया। इस डॉग को गांव के लोग टॉमी कहकर पुकारते थे। टॉमी की मौत से पूरा गांव दुखी है तथा उसकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना कर रहा है। दरअसल, बागपत के बिजरोल गांव में स्ट्रीट डॉग टॉमी उर्फ मुन्ना गलियों में घूमता रहता था। लोगों का कहना है कि टॉमी सबका लाडला था। वह पूरे इलाके की हिफाजत करता था। पिछले 6 अगस्त को लगभग 12 साल की उम्र में टॉमी उर्फ मुन्ना की मौत हो गई। टॉमी की मौत के पश्चात् गांव वाले बेहद दुखी थी। लोगों ने उसकी आत्मा की शांति के लिए हवन कराया तथा प्रार्थना की। टॉमी उर्फ मुन्ना की तेरहवीं का भी आयोजन किया गया। ग्रामीणों का कहना है कि टॉमी की खूबियों की वजह से सब उसे आज याद कर रहे हैं। एक दिन का ही था टॉमी, जब वो अनाथ हो गया था। टॉमी को इलाके वालों ने पाला और टॉमी ने भी अपनी जिंदगी बचाने वालों के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। टॉमी की मौत के पश्चात् पूरा गांव दुखी है। गांव के श्रवण सिंह ने कहा कि टॉमी को पूरे गांव के लोग पसंद करते थे। उसके गुण हम सबको भाते थे। हम सब उसके गुणों से प्रभावित थे। उसी को लेकर आज लगभग 500 व्यक्तियों के लिए भोज का आयोजन कराया है। इसमें सभी ने मदद की है। उसकी अच्छाइयों को सब याद कर रहे हैं। टॉमी को पालने वाली कुसुम उसे याद करते हुए इमोशनल हो जाती हैं। उनका कहना है कि उसे हमने छोटे पर से बच्चे की भांति पाला था। वो कुत्ता अवश्य था, लेकिन आदमी की भांति समझदार था। वो बहुत ही अच्छा था। उसने कभी किसी को परेशान नहीं किया। इलाके की एक अन्य महिला का कहना है कि टॉमी को हमारे बच्चे लेकर आते थे। घर में बैठा रहता था। वो कभी पानी को जूठा नहीं करता था। केवल अपने बर्तनों में ही खाता-पीता था। 'जरूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट जाऊंगा..', निलंबित होने पर बोले अधीर रंजन, धृतराष्ट्र और भगोड़े नीरव मोदी से की थी PM की तुलना हिट एंड रन मामलों में 10 साल की जेल, हादसों में होने वाली मौतें रोकने के लिए सरकार ने किया प्रावधान 'तिरंगे को सलामी देना जायज़ नहीं..', मौलाना का फतवा, 3 मुस्लिम युवकों ने पी लिया फिनाइल