लखनऊ : कानून-व्यवस्था ध्वस्त होने के खिलाफ लखनउ में प्रदर्शन के दौरान पुलिस के साथ हुए संघर्ष के बाद अपने हजारों कार्यकर्ताओं के मुकदमे की जद में आने के बाद आज भाजपा ने हजरतगंज कोतवाली में मुख्यमंत्री तथा पुलिस अफसरों के खिलाफ मुकदमे के लिये तहरीर दी. भाजपा के प्रान्तीय अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने यहां प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि उनकी पार्टी के कई सांसद, विधायक, वरिष्ठ पदाधिकारी और कार्यकर्ता कल पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत धरना-प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के आदेश पर पुलिस ने उन्हें बर्बरता से पीटा। इस घटना में भाजपा के एक हजार कार्यकर्ताओं को चोटें आयीं और उनमें से सैकडों गम्भीर हालत में अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं. भाजपा के प्रांतीय उपाध्यक्ष ने दी तहरीर उन्होंने बताया कि पुलिस कार्रवाई में गम्भीर रुप से घायल हुए भाजपा के प्रान्तीय उपाध्यक्ष रामनरेश रावत की ओर से हजरतगंज कोतवाली में मुख्यमंत्री तथा पुलिस अफसरों के खिलाफ मुकदमे की तहरीर दी गयी है. अगर मुकदमा दर्ज नहीं हुआ तो भाजपा फिर सड़कों पर उतरेगी और जनता की अदालत में जायेगी. मौर्य ने बताया कि सरकार ने कल प्रदर्शन के दौरान हुए संघर्ष के मामले में दर्ज कराये गये मुकदमे में भाजपा के प्रान्तीय महासचिव विजय बहादुर पाठक, संगठन महासचिव सुनील बंसल तथा गोपाल टण्डन का नाम भी लिखवाया है, जबकि घटना के वक्त पाठक मुम्बई में, बंसल कर्नाटक में और टण्डन विधानसभा में मौजूद थे. भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं पर मुकदमा दर्ज फूलपुर से भाजपा के सांसद ने कहा कि वह अपनी समस्याओं को मुख्यमंत्री के सामने रखने के लिये विधान भवन जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोका. यह विशेषाधिकार हनन का मामला है और वह इस मामले को लोकसभा भी लेकर जायेंगे. मालूम हो कि प्रदेश की खराब कानून-व्यवस्था के विरोध में भाजपा कार्यकर्ता कल अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक हजरतगंज स्थित पार्टी प्रदेश मुख्यालय से विधानभवन का घेराव करने के लिये निकले थे. पुलिस ने बैरी केडिंग लगाकर उन्हें रोकने की कोशिश की थी. इस बीच कार्यकर्ताओं के उग्र होने पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले और मिर्च बम छोड़ने तथा पानी की बौछार करने के बाद लाठीचार्ज किया था. इस संघर्ष में भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही समेत बड़ी संख्या में भाजपा नेता एवं कार्यकर्ता तथा पुलिस के कई अफसरों को चोटें आयी थी. जिला प्रशासन ने इस मामले में तीन हजार से ज्यादा भाजपा नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था.