राष्ट्रिय ऊर्जा संरक्षण दिवस भारत में प्रतिवर्ष मनाए जाने वाले दिवसों में से एक है, इस दिन भारत में बहुत ही ऊर्जा संरक्षण प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है. सबसे पहले हमे इस बारें में जान लेना चाहिए कि ऊर्जा संरक्षण दिवस का उद्देश्य क्या है, और इसकी शुरुआत किस तरह से हुई. ऊर्जा दक्षता और संरक्षण में भारत की उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के उद्देश्य से ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) द्वारा प्रतिवर्ष आज ही के दिन यानी 14 दिसंबर को राष्ट्रिय ऊर्जा संरक्षण दिवस मनाया जाता है. भारतीय अर्थव्यवस्था की ऊर्जा और तीव्रता को कम करने के उद्देश्य से वर्ष 2001 में ऊर्जा संरक्षण अधिनियम को लागू किया गया, ऊर्जा संरक्षण अधिनियम के कार्यान्वन को सुनिश्चित करने के लिए वर्ष 2002 में केंद्रीय स्तर पर एक वैद्यानिक निकाय के रूप में ऊर्जा दक्षता ब्यूरो की स्थापना की गई थी. यह केंद्र ऊर्जा मंत्रालय के तहत कार्य करता है. सबसे पहले हमें ऊर्जा संरक्षण और ऊर्जा दक्षता के बारें में अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए. ऊर्जा संरक्षण का तात्पर्य ऐसा कोई भी व्यवहार या कार्य शामिल होता है, जिसके परिणाम स्वरुप ऊर्जा खपत में कमी की जाती है. जैसे कमरे से बाहर निकलते समय लाइट्स को बंद करना, जबकि ऊर्जा दक्षता का आशय ऐसी प्रयोधोगिक प्रयोग से है जिनमे सामान कार्य करने के लिए अपेक्षाकृत कम ऊर्जा की आवश्यकता होती है. जैसे प्रकाश उत्सर्जक, LED या कॉम्पैक्ट थोरोसेंट, लाइट CFL , बल्ब का प्रयोग. जिनमे सामन्य मात्रा में प्रकाश उत्पन्न करने के लिए एक सामन्य बल्ब की तुलना में, कम ऊर्जा की आवश्यकता होती है. वर्ष 2013 से 2020 के बीच भारत में ऊर्जा की मांग दोगुनी हो गई होने का अनुमान लगाया गया था. अतः हम सभी यह दायित्व बनता है कि अत्यधिक और फ़िज़ूल में ही ऊर्जा का उपयोग के स्थान पर कम ऊर्जा के प्रयोग के लिए लोगों को प्रोत्साहित करना है. 'भारत के बंटवारा एक ऐतिहासिक गलती..', राजनाथ सिंह को मिला फ़ारूक़ अब्दुल्ला का साथ साउथ अफ्रीका दौरे से पहले चोटिल हुए रोहित शर्मा, टीम इंडिया को लगा बड़ा झटका बेशर्म बाप: हथियार की नोक पर मासूम के साथ करता था घिनौना काम