ओणम का पर्व आज से शुरू हो चुका है। यह पर्व 23 अगस्त तक चलने वाला है। ओणम का पर्व दक्षिण भारत में खासकर केरल में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। आप सभी को बता दें कि ओणम को खासतौर पर खेतों में फसल की अच्छी उपज के लिए मनाया जाता है। यह पर्व इस वजह से भी ख़ास है क्योंकि इसकी पूजा मंदिर में नहीं बल्कि घर में की जाती है। आप सभी को बता दें कि ओणम को मनाने के पीछे एक पौराणिक मान्यता है। जी दरअसल मान्यता यह है कि केरल में महाबली नाम का एक असुर राजा था। उसके आदर सत्कार में ही ओणम त्योहार मनाया जाता है। वैसे ओणम पर्व का खेती और किसानों से गहरा संबंध है। जी दरअसल किसान अपने फसलों की सुरक्षा और अच्छी उपज के लिए श्रावण देवता और पुष्पदेवी की आराधना करते हैं और फसल पकने की खुशी लोगों के मन में एक नई उम्मीद और विश्वास जगाती है। ओणम के पर्व पर पूरे घर की विशेष साफ-सफाई की जाती है और इसके बाद लोग पूरे घर को फूलों से सजाते हैं। यह घरों को फूलों से सजाने का कार्यक्रम 10 दिनों तक चलता है। इन दिनों में लोग अपने दरवाजों पर फूलों से रंगोली भी बनाते हैं। इन दिनों में मीठे व्यंजनों के अलावा नौ स्वादिष्ट व्यंजन बनते हैं जिनमें पचड़ी काल्लम, ओल्लम, दाव, घी, सांभर, केले और पापड़ के चिप्स मुख्य रूप से शामिल हैं। वहीँ इन व्यंजनों को केले के पत्तों पर परोसते हैं। ओणम बहुत खास और महत्वपूर्ण पर्व है। अब्दुल कलाम के गुरु माने जाते हैं विक्रम साराभाई, मात्र 1 रुपए वेतन पर ISRO में किया था काम 17 साल बड़े सुपरस्टार से सयेशा सैगल ने रचाई थी शादी, दिलीप कुमार से है खास रिश्ता 'बहुत पूजा कर ली, अब ऊपर जाकर करना..' जब दाऊद और अबू सालेम ने करवाई थी गुलशन कुमार की हत्या