टाटा के चेयरमैन पद से साइरस मिस्त्री को हटाने के बाद से शुरू हुआ आरोप-प्रत्यारोप का दौर निरन्तर जारी है. टाटा कम्पनी ने साइरस पर टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस (टीसीएस) को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करने के आरोप का खण्डन करते हुए मिस्त्री ने उल्टा रतन टाटा पर आरोप लगाया है कि उन्होंने टीसीएस को बेचने की कोशिश की थी. साइरस मिस्त्री के ऑफिस से जारी बयान में बताया गया कि टीसीएस और जेएलआर में उनकी तरफ से कोई योगदान न किए जाने की सारी खबरें गलत हैं. इस बयान में यह भी कहा गया है कि मिस्त्री ने टीसीएस की क्षमता को बढ़ाने के लिए प्रबंधन के साथ करीब 60 ग्लोबल सीईओ के साथ मुलाक़ात की थी, उनके प्रयासों से टीसीएस ने विशेष लाभांश दिया था. यही नहीं बयान के अनुसार सायरस मिस्त्री ने अमेरिका और यूरोप में टीसीएस ग्राहक सम्मेलन में भी हिस्सा लिया था. साथ ही वह नवंबर में जापान में होने वाली बैठक में भी हिस्सा लेने वाले थे, लेकिन ऐसा हो नहीं सका. इसके अलावा मिस्त्री की ओर से जारी बयान में आरोप लगाया गया है कि एक बार वह आईबीएम का टीसीएस को खरीदने का प्रस्ताव लेकर जेआरडी टाटा से मिले थे. उस दौरान टीसीएस प्रमुख एफसी कोहली बीमार थे और अस्पताल में भर्ती थे, इसलिए जेआरडी टाटा ने आईबीएम की डील के बारे में बात करने से मना कर दिया था. एफसी कोहली की अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद उन्होंने इस बात का भरोसा दिलाया था कि टीसीएस अच्छा काम कर रही है और भविष्य में भी अच्छा काम करेगी और इसे बेचने की कोई जरूरत नहीं है. इसके बाद जेआरडी ने आईबीएम का प्रस्ताव ठुकरा दिया और टीसीएस रतन टाटा के हाथों बिकते-बिकते बच गई. वाडिया ने भेजा टाटा सन्स को मानहानि का नोटिस टाटा मोटर्स के लिए नैनो बनती जा रही है...