नई दिल्‍ली: अमेरिका में इंडियन दवा कंपनी के एक आई ड्रॉप की वजह से हाहाकार मच गया है. इस आई ड्रॉप के उपयोग से अमेरिका में तीन लोगों की जान भी चली गई. अमेरिका में शीर्ष चिकित्सा निगरानी एजेंसी ने इस आई ड्रॉप में अत्यधिक दवा प्रतिरोधी बैक्टीरिया होने का अनुमान पर चिंता जाहिर कर दी है. मीडिया ने रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) का हवाला देते हुए यह सूचना दी है. रिपोर्ट के अनुसार, इस आई ड्रॉप के इस्‍तेमाल से 8 लोगों में अंधापान और दर्जनों संक्रमण के केस अब तक सामने आ चुके हैं. मीडिया ने रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (CDC) का हवाला देते हुए बताया कि इस आई ड्रॉप के इस्‍तेमाल के उपरांत तीन लोगों की जान चली गई, अंधापन के 8 केस और दर्जनों संक्रमण के केस भी देखने के लिए मिल गए है. चेन्नई स्थित ग्लोबल फार्मा हेल्थकेयर की ओर से यह आई ड्रॉप ब्रांड नाम एज़्रीकेयर आर्टिफिशियल टीयर्स के अंतगत बनाई जा चुकी है. CDC इस बात को लेकर बहुत चिंतित है कि भारत से आयातित आई ड्रॉप में मिला दवा प्रतिरोधी बैक्टीरिया अमेरिका में पैर जमा सकता है. संक्रामक रोग विशेषज्ञों ने बोला है कि अमेरिका में जिसके पूर्व यह स्‍ट्रेन नहीं मिला है. ऐसे में समस्‍या यह है कि अमेरिका में मौजूदा एंटीबायोटिक दवाओं से इसका इलाज करना बहुत कठिन है. बता दें कि चेन्नई से तकरीबन 40 किलोमीटर दक्षिण में स्थित ग्लोबल फार्मा हेल्थकेयर ने फरवरी में अमेरिकी बाजार से जुड़े आई ड्रॉप का उत्पादन को पूरी तरह से बंद कर दिया है. इसने स्वेच्छा से उपभोक्ता स्तर पर EzriCare आर्टिफिशियल टीयर्स और डेलसम फार्मा के आर्टिफिशियल टीयर्स के सभी बचे हुए लॉट को भी वापस लेने का फैसला भी कर लिया है. बीते वर्ष गाम्बिया और उज्बेकिस्तान में खांसी की दवाई से दर्जनों बच्चों की मौत के मामले के उपरांत इंडियन आई ड्रॉप का ये ताजा केस है. इससे अमेरिका से लेकर इंडिया तक में हड़कंप मचा हुआ है. US फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने बोला है कि एज़्रीकेयर आर्टिफिशियल टीयर्स के उपयोग से आंखों में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है जिसके परिणामस्वरूप अंधापन या जान भी जा सकती है. 'पहले की घटनाओं से सीखना ही एक रास्ता है..', ICDRI Conference 2023 में बोले पीएम मोदी MBA चायवाला के खिलाफ थाने में हुई शिकायत, बंद हुए आउटलेट जल रहा बिहार, नितीश कुमार कर रहे इफ्तार ! भाजपा के साथ नेटीजेंस भी भड़के