लखनऊ: सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा है कि चुनाव रैली के लिए लाखों एलईडी टेलीविज़न लगवाकर अरबों का प्रचार फंड खर्च करने वाली भाजपा सरकार के पास क्या अध्यापकों तथा छात्रों के लिए ऑनलाइन शिक्षण के इंतजाम करने का फंड नहीं है? बीजेपी सरकार ईमानदारी से प्रधानमंत्री केयर्स फंड को जनता का फंड बनाए तथा देश के भविष्य की चिंता करे। अखिलेश यादव ने कहा है कि COVID-19 संक्रमण के बढ़ते दौर में एजुकेशन की निरंतरता के लिए स्कूल-कॉलेज खोलना सुरक्षित ऑप्शन नहीं है। ऐसे में गवर्मेंट को चाहिए कि वह गरीब परिवार के प्रति छात्रों को एक स्मार्टफोन, नेटवर्क तथा बिजली उपलब्ध कराएं साथ-साथ अध्यापकों को भी घरों पर डिजिटल अध्यापन के लिए मुफ्त हार्डवेयर दे। साथ ही उन्होंने कहा कि शिक्षा जगत में इन दिनों माता-पिता के समक्ष एक और विकट परेशानी स्कूल-कॉलेजों की फीस भरने की है। ऑनलाइन शिक्षण में 80 प्रतिशत कोशिश तो माता-पिता को करने पड़ती हैं। इस हिसाब से स्कूली शुल्क 25 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए किन्तु स्कूल कॉलेज अभी पूरी शुल्क वसूलना चाहते हैं। अधिकतर एजुकेशन इंस्टीट्यूट के प्रबंधक व्यवसायिक संस्थान के तौर पर कार्य कर रहे हैं। वैसे भी ऑनलाइन पढ़ाई का शुल्क कैम्पस पढ़ाई की फीस के समान नहीं हो सकता है। बीजेपी सरकार को इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी करना चाहिए। इसी के साथ अखिलेश यादव ने अपनी राय रखी है। सीएम योगी पर 'मुग़लों के वंशज' का हमला, कहा- आप हमारा हीरो तय करने के लिए नहीं चुने गए कोरोना ने पकड़ी रफ्तार, दुनिया में 3 करोड़ 20 लाख के करीब पहुंचा आंकड़ा चीन का मुस्लिमों पर अत्याचार, 380 डिटेंशन शिविरों में कैद किए 80 लाख मुसलमान