नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नोटबंदी के विरोध में सभी विपक्षी दल एक जाजम पर आ गये है। विपक्षियों द्वारा जहां दिल्ली में प्रदर्शन किया जा रहा है वहीं बुधवार को एक बार फिर दोनों सदनों में विपक्षियों ने हंगामा बरपाया। इसके चलते लोकसभा और राज्यसभा की कार्रवाई को स्थगित करना पड़ा। लोकसभा जहां बुधवार को दिन भर के लिये स्थगित हो गई वहीं राज्यसभा भी गुरूवार की सुबह 11 बजे तक स्थगित करने का ऐलान हो गया। विपक्षियों द्वारा न केवल नोटबंदी का फैसला वापस लेने की मांग की जा रही है वहीं प्रधानमंत्री मोदी को भी वे सदन में बुलाकर जवाब लेना चाहते है। मोदी सरकार की नोटबंदी के विरोध में समूचा विपक्ष एकजुट है। हालांकि शिवसेना ने विपक्षियों से इस मामले में अब मोदी का समर्थन करते हुये विरोध से अपने को अलग कर दिया है। बताया गया है कि नोटबंदी के विरोध में 13 राजनीतिक दलों के करीब 200 सांसद एक हो गये है। इधर सदन की कार्रवाई स्थगित होने के बाद टीएमसी, कांग्रेस, सपा और जेडीयू के सांसदों ने गांधी जी की प्रतिमा के समक्ष नोटबंदी के विरोध में नारेबाजी की। वित्त मंत्री को बुला सकता हूं राज्यसभा में मोदी की मौजूदगी की मांग पर अड़े विपक्षियों को उपसभापति पीजे कूरियन ने समझाने का प्रयास किया और बताया कि चुंकि मामला वित्तमंत्री से जुड़ा हुआ है इसलिये यदि आप चाहे तो वह वित्तमंत्री को बुला सकते है, लेकिन ऐसा कोई नियम या परंपरा नहीं है कि प्रधानमंत्री को जवाब देने के लिये बुलाया जाये। सदन में विपक्षियों ने जब आपत्तिजनक बातें कही तो बीजेपी के सदस्य भड़क उठे। नोटबंदी: विपक्ष ने मचाया हंगामा, सदन की...