नई दिल्ली: 20 जुलाई को जबसे संसद का मानसून सत्र शुरू हुआ है, उसके बाद से ही विपक्ष द्वारा सदन के अंदर मणिपुर पर जमकर हंगामा किया जा रहा है, जिससे सदन की कार्रवाई लगातार बाधित हो रही है और एक भी दिन सदन पूरे समय नहीं चल पाया है। हालाँकि, सरकार सत्र की शुरुआत में ही कह चुकी है कि, वो मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन विपक्ष पीएम नरेंद्र मोदी के बयान की जिद पद अड़ा हुआ है। इस बीच राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने आज सोमवार (31 जुलाई) को विपक्ष पर मणिपुर हिंसा पर चर्चा से भागने का आरोप लगाते हुए कहा उन्हें कोई न कोई तकलीफ है, जिसके चलते वे (विपक्षी दल) पूर्वोत्तर राज्य की सच्चाई सामने लाने नहीं दे रहे। रिपोर्ट के अनुसार, राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ मणिपुर हिंसा पर चर्चा कराने के लिए नियम 267 के तहत विपक्षी सदस्यों की तरफ से मिले नोटिस का जिक्र कर रहे थे, तभी गोयल ने कहा कि सरकार मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि, ''वे (विपक्षी दल) संसदीय प्रक्रियाओं का मजाक बनाने की कोशिश कर रहे हैं। वे सदस्यों की दी गई आजादी का दुरुपयोग कर रहे हैं। इससे उनकी मानसिकता झलक रही है। सरकार मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा को तैयार है।'' केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा कि, ''उन्होंने (विपक्ष ने) सदन के नौ महत्वपूर्ण दिन बर्बाद कर दिए। देश यह सब देख रहा है। यह चर्चा पहले ही दिन हो सकती थी। सरकार सर्वदलीय बैठक में ही मणिपुर पर चर्चा कराने की सहमति दे चुकी थी। मुझे समझ नहीं आ रहा है कि वे आखिरकार संदेश क्या देना चाह रहे हैं।'' गोयल ने विपक्ष पर चर्चा से भागने का इल्जाम लगाते हुए पुछा कि आखिरकार ऐसा क्या है जो वे (विपक्षी दल) छुपाने का प्रयास कर रहे हैं। पियूष गोयल ने कहा कि, 'इनकी दाढ़ी में कुछ काला है। कोई ना कोई समस्या है। जिसके चलते वे भाग रहे हैं। इनको कोई तकलीफ है जिसके कारण मणिपुर की सच्चाई सामने लाने नहीं दे रहे हैं।'' गोयल ने विपक्षी सदस्यों से आत्मचिंतन का अनुरोध करते हुए कहा कि उन्हें अपने फैसले (हंगामे) पर पुन:विचार करना चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, ''इस सदन में हम मणिपुर पर चर्चा चाहते हैं। हम आज के आज ही चर्चा चाहते हैं। नियम 176 के तहत आज ही चर्चा आरम्भ कर दी जाए और आज ही दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए। मुझे लगता है कि विपक्ष की रणनीति हर दिन आपको तकलीफ देना ही है। पूरा सदन इस बात से सहमत है कि अभी कार्यवाही आरम्भ कर दी जाए और आज ही दोपहर 2 बजे मणिपुर पर चर्चा शुरू की जाए।'' बता दें कि, सरकार जहां नियम 176 के तहत चर्चा कराना चाहती है, वहीं विपक्ष नियम 267 के तहत चर्चा की मांग पर अड़ा हुआ है। इसी मुद्दे पर हंगामे के चलते राज्यसभा की कार्यवाही भोजनावकाश से पहले दो बार स्थगित की गई। बता दें कि 20 जुलाई से शुरू हुए संसद के मानसून सत्र में विपक्ष मणिपुर हिंसा पर के मुद्दे पर कार्यस्थगन के प्रावधान वाले नियम 267 के तहत सदन में चर्चा कराये जाने के रुख पर निरंतर कायम है। 'कांवड़ यात्रा नहीं निकलने देंगे..', बीच सड़क पर मुस्लिम महिलाओं का धरना, कांवड़ियों पर पुलिस ने किया लाठीचार्ज भारत पर बढ़ता विदेशी निवेशकों का भरोसा, हर महीने आ रहा 40 हज़ार करोड़ से अधिक का निवेश, इकॉनमी के लिए अच्छा संकेत 'मणिपुर हिंसा के पीछे अफीम की खेती और नार्को आतंकवाद, जाँच कराए अदालत..', PIL पर सुनवाई से CJI ने किया इंकार