लोकसभा और विधान सभा चुनाव पर पार्टियों का विरोध

नई दिल्ली: केंद्र सरकार लोकसभा चुनाव और विधान सभा चुनाव के लिए तैयार है. लेकिन इस पर राजनीतिक दलों का एक मत नहीं है. वही कांग्रेस भी दोनों चुनावों का सामना करने के लिए खुद को मजबूत बता रही है. पर वाम दल लोकसभा व विधानसभा का चुनाव एक साथ कराने पर विरोध कर रही है.

दोनों चुनावो के एक साथ होने पर माकपा नेता वृंदा करात का कहना है कि सरकार को ऐसा करने का हक नहीं है. यह एक राजनीतिक फैसला है और भाजपा इसे अकेले नहीं कर सकती उनका कहना है कि हर विधानसभा का कार्यकाल पांच साल के लिए तय होता है. मोदी लोकतंत्र में मनमानी नहीं कर सकते. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि उनकी पार्टी समय पूर्व चुनाव के लिए तैयार है. जनता मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने का मन बना चुकी है और ये बात चुनाव से साबित हो जाएगी. सुरजेवाला ने मीडिया से कहा कि, लोग अभी तक इंतजार कर रहे हैं कि अच्छे दिन कब आएंगे. मोदी की जुमलेबाजी से आम जन बुरी तरह से परेशान हो चुका है और इसका पता केंद्र सरकार को चुनाव में लग जाएगा. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कांग्रेस को इस बात का अंदाजा नहीं है कि लोकसभा व विधानसभा चुनाव एक साथ होने जा रहे हैं.

उसके बाद सुरजेवाला ने कहा कि अर्थ व्यवस्था का जो हाल है उससे देश का हर नागरिक परेशान है. सरकार हर मोर्चे पर विफल है और जुमलेबाजी करके लोगों को बहलाना चाहती है. बता दे बुधवार को चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने भोपाल में कहा कि सितंबर 2018 तक आयोग संसाधनों से लैस हो जाएगा और तब लोकसभा व विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जा सकेंगे.  

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