इमरान समर्थकों को देखते ही गोली मारने के आदेश, सड़कों पर उतरी हैं बुशरा बीबी

इस्लामाबाद: पाकिस्तान में स्थिति तेजी से बिगड़ती जा रही है। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की रिहाई की मांग को लेकर उनके समर्थकों ने बड़ा आंदोलन छेड़ दिया है। सैकड़ों प्रदर्शनकारी इस्लामाबाद में घुस गए हैं, जिससे हालात तनावपूर्ण हो गए हैं। इन प्रदर्शनों के दौरान इमरान समर्थकों ने पाकिस्तानी रेंजर्स पर हमला किया। बताया जा रहा है कि भीड़ ने रेंजर्स की गाड़ियों को कुचल दिया, जिससे चार रेंजर्स की मौत हो गई। इस घटना के बाद तनाव और बढ़ गया है।

इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी इस आंदोलन का नेतृत्व कर रही हैं। उन्होंने अपने समर्थकों से अपील की है कि इमरान की रिहाई तक संघर्ष जारी रखें। उनकी इस अपील के बाद खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान से हजारों लोग इस्लामाबाद पहुंच रहे हैं। आंदोलनकारियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सेना को तैनात किया गया है और संवेदनशील इलाकों में गश्त बढ़ा दी गई है। 

शहबाज सरकार के खिलाफ गुस्से में प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर इमरान खान को रिहा नहीं किया गया तो इस्लामाबाद को बंधक बना लिया जाएगा। स्थिति को काबू में रखने के लिए सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं। सेना को आदेश दिया गया है कि किसी भी हिंसा या तोड़फोड़ की स्थिति में सख्ती से निपटें। कुछ इलाकों में *देखते ही गोली मारने* के आदेश भी दिए गए हैं। 

इमरान समर्थकों ने संसद की ओर मार्च निकालने और धरना देने का ऐलान किया है। उन्हें रोकने के लिए नेशनल हाईवे और अन्य रास्तों पर बैरिकेड्स लगाए गए थे, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने भारी मशीनरी का इस्तेमाल करके बैरिकेड्स हटा दिए। प्रशासन ने इस्लामाबाद में धारा 144 लागू कर दी है और इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं। इसके बावजूद आंदोलनकारी रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं।

बुशरा बीबी ने प्रदर्शनकारियों से कहा है कि वे आखिरी सांस तक इस संघर्ष में डटे रहें। उन्होंने इसे केवल इमरान खान का नहीं, बल्कि पूरे देश और उसके नेतृत्व का सवाल बताया। उनके भाषण के बाद आंदोलन और तेज हो गया है। अब तक 4,000 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस ने बाइक पर गश्त बढ़ा दी है, और प्रदर्शनकारियों को इस्लामाबाद में घुसने से रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके बावजूद हालात बेकाबू नजर आ रहे हैं, और पाकिस्तान का राजनीतिक संकट और गहरा गया है।

आज इस्तीफा देंगे एकनाथ शिंदे, लेकिन शपथ कौन लेगा? ये सवाल अब भी बरक़रार

क्या कांग्रेस-पाकिस्तान की 'मिलीभगत' का परिणाम था 26/11 हमला? वो सच्चाई, जो दबा दी गई..

दिल्ली चुनाव से पहले केजरीवाल ने बढ़ा दी बुजुर्गों की पेंशन, भाजपा पर साधा निशाना

Related News