दुबई: पूरे विश्व से आलोचना झेलने के बाद भी अफगानिस्तान में महिलाओं पर तालिबानी अत्याचार निरंतर जारी है। अफगानिस्तान ने कुछ दिन पहले ही घरेलू और विदेशी NGO में महिलाओं को काम करने पर पाबंदी लगा दी थी। अब तालिबान के इस कदम पर इस्लामिक देशों के संगठन ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (OIC) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, OIC ने बयान जारी कर तालिबान के इस कदम को 'इस्लामिक कानून के उद्देश्यों और अल्लाह के दूत की कार्यप्रणाली का उल्लंघन' बताया है। अफगानिस्तान में मौजूदा हालात के बारे में चिंता प्रकट करते हुए इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) ने तालिबान से इस फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की है। OIC ने यह बयान अफगानिस्तान में मानवीय स्थिति पर चर्चा करने को लेकर बुलाई गई कार्यकारी समिति की आपातकालीन बैठक के बाद जारी किया है। इस बैठक में 57 इस्लामिक देशों के संगठन OIC ने अफगानिस्तान में मानवाधिकारों की बिगड़ती स्थिति पर गंभीर चिंता प्रकट की है। इसके साथ ही, OIC ने अफगानिस्तान से महिलाओं और बच्चों के अधिकारों समेत मानवाधिकारों का सम्मान करने को कहा है। OIC के महासचिव हिसेन ब्राहिम ताहा ने मीटिंग से पहले दिए भाषण में कहा है कि OIC अफगानिस्तान में दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं पर गहरी चिंता के साथ निगाह बनाए हुए है। अफगानिस्तान में विकास और मानवीय स्थिति पर चर्चा करने के लिए जेद्दा में 11 जनवरी को एक बड़ी मीटिंग बुलाई गई थी। सऊदी अरब के बाद अब पाकिस्तान की मदद के लिए आगे आया ये मुस्लिम देश रूस के साथ बेलारूस ! यूक्रेन पर अब हो सकता है दोहरा अटैक इंडोनेशिया में भूकंप के झटकों से डोली धरती, जानिए क्या रही तीव्रता